ढाबे पर जहरीले सांप को देखकर सहमे लोग तो डेरा अनुयाई ने दिखाई मानवता

Snake
सांप को बोतल में बंद किये हुए त्रिदेव दुग्गल

‘‘सब जीवों से प्रेम करो, गर मालिक को पाना है’’

हिसार (सच कहूँ न्यूज)। आजकल कलयुग इस कदर यौवन पर है कि मामूली सी बात पर एक भाई दूसरे सगे भाई की जान लेने पर उतारू हो जाता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इंसानियत को ही अपना दीन मजहब समझते हैं और जीव जंतुओं के लिए भी अपने दिल में विशेष करुणा एवं प्रेम रखते हैं। आइए आपसे मिलवाते हैं इंसानियत को सर्वोपरि रखने वाले एक ऐसे जिंदादिल इंसान से।

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जी हाँ, हम बात कर रहे हैं युवा कवि एवं सोशल वर्कर त्रिदेव दुग्गल (Tridev Duggal) की। समाज सेवा में सदैव अग्रणी रहने वाले त्रिदेव दुग्गल ने बताया कि वह मंगलवार सायं रोहतक की तरफ से अपने गांव मुंढाल खुर्द जा रहा था। इस दौरान एकदम से तेज आंधी आने लगी तो वह बाइक रोककर एक ढाबे पर रुक गया। अचानक ढाबे पर कार्यरत एक वर्कर की नजर सांप पर पड़ी तो वह डर के मारे जोर से चिल्लाने लगा। ढाबे पर उपस्थित लोग सांप को मारने की बात करने लगे तो त्रिदेव दुग्गल ने कहा कि आप सांप को मारिए मत, मैं इसे सुरक्षित पकड़ लूंगा और फिर दूर सुनसान जगह पर छोड़ दूंगा।

उसके बाद लगभग 15-20 मिनट के प्रयास से त्रिदेव दुग्गल ने ढाबा संचालक प्रदीप के साथ मिलकर उस सांप को पकड़ा और फिर उसे प्लास्टिक की एक बड़ी बोतल में बंद कर दूर सुनसान जगह पर छोड़ आये। आपको बता दें कि सांप के इस रेसक्यू से जुड़ी वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर शेयर हो रही है।

त्रिदेव दुग्गल ने बताया कि मैं कोई प्रोफेशनल स्नैकमैन नहीं हूं और ना ही मैंने सांप (Snake) को पकड़ने की कहीं से स्पेशल ट्रेनिंग ली है। बस ये सब पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा का कमाल है। उनकी शिक्षानुसार ‘‘सब जीवों से प्रेम करो, गर मालिक को पाना है’’ उन्होंने ही हमें ये सीख दी है कि हमें सभी जीवों से प्रेम करना चाहिए, किसी भी जीव को मारना नहीं चाहिए। बल्कि उसे पकड़कर जंगलों में छोड़ देना चाहिए।