Viral Video: ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर को देख मरीज बना ‘शैतान’! बाल पकड़कर खींचे…!

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Viral Video: ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर को देख मरीज बना 'शैतान'! बाल पकड़कर खींचे...!

Social Media News: तिरुपति। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित दुराचार और हत्या के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के उपायों को लेकर देशभर में हो रहा विरोध अभी थमने का नाम नहीं ले रहा था कि आंध्र प्रदेश से एक और हमले की एक नई घटना सामने आ गई। हाल ही में कथित तौर पर आंध्र प्रदेश के तिरुपति के अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक महिला डॉक्टर पर मरीज द्वानरा हमला कर दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो गया। Social Media News

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वायरल वीडियो 27 सेकंड का है जोकि सीसीटीवी फुटेज है। यह फुटेज तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसवीआईएमएस) का है जिसमें एक जूनियर महिला डॉक्टर पर एक मरीज द्वारा हिंसक हमला कर दिया जाता है। फुटेज में दिखाया गया है कि महिला डॉक्टर को उसके बालों से पकड़कर कैसे मरीज खींच लेता है उसके सिर को अस्पताल के बिस्तर के स्टील फ्रेम पर पटकता है। इस दौरान वार्ड में मौजूद अन्य डॉक्टर तुरंत महिला डॉक्टर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

डॉक्टर ने निदेशक और कुलपति को लिखा पत्र | Social Media News

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में इंटर्न डॉक्टर पर हमला किया गया। पीड़िता ने घटना के संबंध में जानकारी का विवरण निदेशक और कुलपति डॉ. आरवी कुमार को दिया है। पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘… मुझ पर एक मरीज बंगारू राजू ने अप्रत्याशित रूप से हमला किया, जोकि पीछे से मेरे पास आया, मेरे बाल खींचे और मेरे सिर को पकड़कर जबरदस्ती एक पलंग की स्टील की छड़ से टकराना शुरू कर दिया। यदि मरीज के पास कोई धारदार हथियार होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते थे।’’ Social Media News

वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए, पर यूजर्स ने अपनी निराशा और चिंता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर टिप्पणी की। एक यूजर ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘कुछ नहीं होगा। हम ऐसे ही भुगतेंगे। यही हमारी जिंदगी है।’’ एक अन्य यूजर ने कहा, ‘‘सरकार इन विषयों के बजाय अनावश्यक विषयों का महिमामंडन कर रही है और डॉक्टरों के साथ जो कुछ हो रहा है उसे देखने के बाद भी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’’

एक अन्य यूजर के अनुसार ‘‘केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू किए बिना हड़ताल समाप्त नहीं की जानी चाहिए।’’ ऐसे ही एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, ‘‘मुझे लगता है कि मरीज शराब सिंड्रोम से पीड़ित था, लेकिन अंदर सुरक्षा की कमी निराशाजनक है।’’ Social Media News

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