BSNL सिम कार्ड के लिए मारामारी! सप्लाई पूरी करने में अधिकारी नाकाम

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श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। प्राइवेट सेलुलर फोन कंपनियां जिओ (JIO) तथा एयरटेल (Airtel) आदि द्वारा टैरिफ में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के बाद मोबाइल फोन उपभोक्ता बड़ी तेजी से केंद्र सरकार की भारत सरकार निगम लिमिटेड (BSNL) कंपनी की सेल्यूलर सर्विस की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में प्राइवेट फोन कंपनियों के उपभोक्ता मोबाइल नंबर को BSNL में पोर्ट करवा रहे हैं लेकिन BSNL मांग के अनुरूपसिम कार्ड की सप्लाई ही नहीं कर पा रही। BSNL

BSNL द्वारा एक तरफ तो प्राइवेट कंपनियों के टैरिफ बढ़ने पर अपनी सेवाओं का प्रचार प्रसार कर उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही है, दूसरी तरफ वह बढी हुई मांग के मुताबिक सिम कार्ड की सप्लाई करने में नाकाम साबित हो रही है। खास बात यह है कि प्राइवेट कंपनियां ग्राहकों को 5-जी की सर्विस प्रदान कर रही हैं, वही बीएसएनल अभी 3-जी पर ही अटका हुआ है। लोग टैरिफ प्लान कम होने के कारण प्राइवेट कंपनियां छोड़कर बीएसएनएल में नंबर पोर्ट करवा रहे हैं। ग्राहक 3-जी की नेट स्पीड पर ही संतुष्ट हैं क्योंकि 4-जी और 5-जी की तुलना में 3-जी नेट स्पीड में कोई ज्यादा अंतर नहीं है।3-जी नेट स्पीड पर भी वीडियो आसानी से देखें और डाउनलोड किया जा सकते हैं। इसलिए अब स्पीड का कोई मसला नहीं है।

नंबर पोर्ट करने वाले परेशान, 50 मांगने पर मिलते हैं सिर्फ पांच

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर शहर में 15 दिनों से BSNL के सिम कार्ड मोबाइल फोन की दुकानों पर उपलब्ध नहीं हैं। एक दुकानदार ने बताया कि वे उसके पास रोजाना 15 से 20 ग्राहक नंबर पोर्ट करवाने के लिए आ रहे हैं। सबको वे अगले दिन आने का बोलते हैं लेकिन अगले दिन भी सिम कार्ड नहीं उपलब्ध हो पाते। चहल चौक पर स्थित एक दुकानदार ने बताया कि 15 दिन के इंतजार के बाद आज बीएसएनएल के अधिकारियों ने शहर में कुछ दुकानदारों को गिनती के सिम कार्ड सप्लाई किए हैं। उसने 50 सिम कार्ड मांगे तो पांच ही मिले हैं। जानकारी के मुताबिक 500 सिम कार्ड की मांग के विपरीत शहर में दुकानदारों को आज सिर्फ 60 कार्ड ही मिल पाए। एक दर्जन दुकानदारों को पांच-पांच सिम कार्ड ही दिए गए हैं जबकि नंबर पोर्ट करवाने वाले ग्राहकों की संख्या कहीं ज्यादा है। BSNL

बीएसएनएल के अधिकारी पहले अपने जिले में सप्लाई करते हैं

दुकानदारों का कहना है कि अधिकारी जल्दी ही और सिम कार्ड भेजने का भरोसा दिला रहे हैं।एक अन्य दुकानदार ने बताया कि श्रीगंगानगर को सिम कार्ड बीकानेर से आते हैं। बीकानेर में बीएसएनएल के अधिकारी पहले अपने जिले में सप्लाई करते हैं। इस में से कुछ कार्ड ही वे संभाग के दूसरे जिलों में भेजते हैं। दुकानदारों के मुताबिक हाल फिलहाल जिओ तथा एयरटेल आदि प्राइवेट कंपनियों के टैरिफ प्लान में कोई कमी होने की संभावना नहीं है लेकिन बीएसएनएल के जिस तरह से ग्राहक बढ़ रहे हैं,आशंका है कि बीएसएनएल अपने टैरिफ में वृद्धि कर सकती है लेकिन फिर भी उसके टैरिफ प्लान प्राइवेट कंपनियों से कम ही होंगे,ऐसी उम्मीद की जा रही है।

यहां देखने वाली बात यह है कि प्राइवेट कंपनियां 5-जी से भी आगे बढ़ रही हैं जबकि बीएसएनएल 6-7 वर्षों से 3जी पर ही अटका हुआ है। पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में आया था कि बीएसएनएल ने 4-जी सर्विस लॉन्च करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बीएसएनएल ने अपने टॉवर्स को 4-जी के लिए अपग्रेड करने का काम लगभग पूरा कर लिया है, लेकिन यह सर्विस अभी तक इसलिए लॉन्च नहीं हो पाई क्योंकि अपग्रेड किए गए टॉवर्स के उपकरण चोरी भी हो रहे हैं।

अकेले राजस्थान की बात करें तो 70 टावर्स के उपकरण चोरी होने के मामले पुलिस थानों में डेढ़ 2 महीना में दर्ज हुए हैं। श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिलों में भी एक दर्जन से अधिक टॉवर्स के उपकरण चोरी होने की घटनाएं सामने आई हैं। BSNL

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