गुरनाम सिंह चढूनी बोले-जब अध्यादेश वापिस नहीं लेना तो बुलाया क्यों?
नई दिल्ली/चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। केन्द्र सरकार द्वारा कानून बनाने के लिए संसद में पेश किए गए तीन अध्यादेश पर हरियाणा के किसान संगठनों से जुड़े नेता गए तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बात करने थे, लेकिन वे खुद ही आपस में भिड़ गए। वाकया दिल्ली में स्थित हरियाणा भवन का है। वहां किसान नेताओं का एक गुट भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी के साथ भिड़ गया। इस दौरान चढूनी और दूसरे ग्रुप के लोगों ने एक दूसरे को काफी बुरा भला कहा। एक वक्त पर हाथापाई तक की नौबत आ गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने बीच-बचाव करके मामला शांत करवाया। दरअसल, हरियाणा के भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह के न्यौते पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य किसान संगठनों का एक दल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के लिए दिल्ली गया था। उनसे मिलने से पहले गुरनाम सिंह चढूनी सांसद धर्मबीर के आवास पर प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ व अन्य भाजपा नेताओं से मिले। यहां चढूनी ने मांग रखी कि सरकार को इस अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश वापस नहीं होगा। सरकार इस पर कानून बनाएगी। इस पर चढूनी ने कहा कि जब सरकार ने तय कर लिया है कि अध्यादेश वापस नहीं होगा तो हमारे साथ बात करने का क्या फायदा। इसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य कई किसान संगठनों ने बातचीत से इनकार कर दिया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री से मिले धनखड़ और तीन सांसद
हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और सांसद धर्मबीर सिंह, नायब सैनी व बृजेंद्र सिंह की अगुवाई में कुछ किसान संगठन केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले। उन्होंने अपनी-अपनी बात रखी।
हरियाणा भवन में हुई कहासुनी
इसके बाद दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में गुरनाम सिंह चढूनी के साथ कुछ किसान संगठनों के नेताओं ने बहस शुरू कर दी। चढूनी को काफी भला-बुरा कहा गया। इस पर चढूनी ने भी बहसबाजी की। कुछ संगठनों ने चढूनी पर कांग्रेस से मिले होने का आरोप लगाया। आखिर में कुछ लोगों ने बीच-बचाव किया और मामला शांत करवाया। हरियाणा भवन के सुरक्षाकर्मियों ने समझाया। इसके बाद भी वे बहसबाजी करते रहे।
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