नई दिल्ली (एजेंसी)। वैज्ञानिकों ने करीब नौ वर्षों के शोध के बाद ऐसी दवाइयों को ईजाद किया है जो अत्यधिक मात्रा में रक्त बह जाने से होने वाली मौत की रोकथाम में सहायक होंगी। ये दवायें दुर्घटना, गर्भावस्था, आपरेशन आदि के समय अधिक मात्रा में रक्त निकल जाने से होने वाली मृत्यु को रोकने में मदद करेंगी। फारमाज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने ‘फारमाज इन्वेस्टिगेटर्स मीटिंग’ का आयोजन किया जिसका मुख्य उद्देश्य उन दवाओं की शोध की जानकारी देना था जिनके माध्यम से ऐसी दवाओं का निर्माण हो रहा है।
ये दवायें क्लिनिकल ट्रायल तक पहुंच गयी हैं और उम्मीद है कि जल्द ही ये दवाइयां सर्वप्रथम देश के चिकित्सकों को उपलब्ध होंगी और लाखों जानें बचाने में सहायक होंगीे रविवार को हुई बैठक में करीब 70 चिकित्सकों ने भाग लिया, जिनमें कुछ अमेरिका के भी थे। इसमें शोध से संबंधित अनेक पहलुओं पर चर्चा की गयी जिसकी बारीकियों को भागीदारों ने समझा।
कंपनी के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. प्रो. अनिल गुलाटी ने मंगलवार को यहां बताया कि इन दवाइयों का क्लिनिकल ट्रायल भारत में 25 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में चल रहा है जिनकी निगरानी 20 क्लिनिकल विशेषज्ञ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है की ये दवाइयां लाखों लोगों की भारत में जान बचने में समर्थ होंगी और यह एक ‘थेराप्यूटिक रेवोल्यूशन’ होगा।’
उन्होंने कहा कि अक्सर सुना जाता है कि कार या मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल व्यक्ति की अधिक रक्त बह जाने के कारण मौत हो जाती है। एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग प्रतिवर्ष साढ़े छह लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव से करीब एक लाख महिलाओं की मौत हो जाती है। एक अनुमान के अनुसार देश में प्रति वर्ष लगभग आठ लाख लोगों की मौत रक्त काफी बह जाने से होती है।
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