अध्यापकों के खिलाफ खुद अध्यापकों ने लिया निर्णय, सेवाकाल वृद्धि के खिलाफ शुरू की मुहिम | ‘Social Boycott’
- सेवा में विस्तार लेने से युवाओं को नहीं मिलेंगी नौकरियां : अध्यापक
चंडीगढ़(अशवनी चावला)। पंजाब सरकार की ओर से दिए जा रहे सेवाकाल वृद्धि को यदि किसी अध्यापक (Social Boycott) ने अब के बाद लिया तो उसका ‘सोशल बायकाट’ ही कर दिया जाएगा। इस सोशल बायकाट को करने वाले कोई बाहर के व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करवाते खुद अध्यापक ही हैं। जिन्होेंने ने निर्णय ले लिया है कि जो भी उनका अध्यापक साथी 58 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट न लेते हुए 2 साल का सेवाकाल विस्तार लेता है तो उसे सोशल बायकाट का सामना करना होगा, जिसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार होगा।
इस तरह का निर्णय लेने के बाद अध्यापक खुद अपने अपने स्कूलों के अध्यापकों से बाकायदा हस्ताक्षर भी करवा रहे हैं कि इस सोशल बायकाट के निर्णय से वह सहमत होते हुए वह खुद भी प्रण लें कि वह सेवाकाल विस्तार नहीं लेंगे।जानकारी अनुसार पंजाब सरकार की ओर से वित्तीय बोझ को देखते हुए नये कर्मचारियों की भर्ती करन की जगह पर रिटायर होने जा रहे हर तरह के कर्मचारियों को2 साल सेवाकाल में विस्तार लेने की सुविधा दी हुई है, जिसके अंतर्गत कोई भी कर्मचारी 58 साल होने पर रिटायरमेंट लेने की जगह पर 2 साल तक अतिरिक्त नौकरी कर सकता है, जिसे कि आखिरी महीने मिलने वाले वेतन अगले दो साल तक मिलता रहेगा।
अधिकारी कुभकरणी की नींद में, फोन तक नहीं उठा रहे | ‘Social Boycott’
शक्षा विभाग के अधिकारी आज कल कुंभकरणी की नींद में सोए हुए नजर आ रहे हैं, जिस कारण वह इस तरह की कोई कार्रवाई को रोकने के लिए कुछ करन की जगह पर अपने दफ़्तरों में ही बैठे नजर आ रहे हैं। यहां तक कि इस तरह के मामलों में उनसे किसी भी तरह की कार्रवाई संबंधी बयान लेने या फिर कारण पूछने के लिए फोन किया जाता है तो वह फोन ही नहीं उठाते हैं। शिक्षा विभाग के लगभग हर अधिकारी कभी भी फोन उठाते हुए किसी को भी जवाब नहीं देते हैं। इन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के रास्ते पर शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला भी चल रहे हैं। विजेइन्दर सिंगला भी फोन नहीं उठाते हैं।
इस तरह किया जाएगा ‘सोशल बायकाट’ | ‘Social Boycott’
- अध्यापकों की तरफ से सेवाकाल विस्तार लेने वाले अध्यापक का सोशल बायकाट
- उनके रिटायरमेंट से शुरू कर दिया जाएगा।
- इस सेवाकाल वृद्धि दौरान 2साल तक कोई भी साथी अध्यापक उसे किसी भी तरह का
- सहयोग नहीं करेगा और उससे दूरी ही बना कर रखेगा।
- इसके साथ ही जब 60 साल की उम्र में सेवाकाल का विस्तार खत्म होने के
- वह अध्यापक रस्मिया तौर पर रिटायरमेंट लेगा
- तो उसे स्कूल के अध्यापकों की ओर से रिटायरमैंट पार्टी नहीं दी जाऐगी
- न ही उस अध्यापक की ओर से रखी गई पार्टी में कोई अध्यापक शामिल होगा।
- इसके साथ उक्त अध्यापक के साथ अन्य रिश्ते भी खत्म करने की बात कही जा रही है।
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