जल्द खुलेंगे स्कूल-कॉलेज : कंवरपाल गुर्जर

Kanwar Pal Gujjar

साक्षात्कार : शिक्षा मंत्री ने लॉकडाउन के चलते बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर सवालों के दिए बेबाकी से जवाब

  •  जुलाई महीने में होंगी 12वीं कक्षा की बाकी परीक्षाएं

चंडीगढ़। प्रदेश में कोरोना के चलते तीसरा लॉकडाउन जारी है और उम्मीद है कि 18 मई के बाद इसे चौथे लॉकडाउन के तौर पर विस्तार दे दिया जाए, लेकिन उसमें कुछ छूट की और संभावनाएं हैं। कोरोना के कारण जहां हर क्षेत्र के आर्थिक ढांचे को नुकसान हुआ है, वहीं शिक्षा व्यवस्था पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज के कैंपस बंद हैं। शिक्षा के लिए आॅनलाइन पद्धति को अपनाया जा रहा है।

लेकिन यह कितनी प्रभावी है और क्या वाकई ही अब शिक्षा के नए तरीकों पर काम करना होगा, इस बाबत सच कहूँ के चंडीगढ़ से ब्यूरो अनिल कक्कड़ ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से बातचीत की। इंटरव्यू में शिक्षा मंत्री ने मौजूदा स्थितियों में शिक्षा व्यवस्था के लिए नई पद्धतियों की जरूरतों, अध्यापक-विद्यार्थी तालमेल, विपक्ष के राजनैतिक हमलों और प्रवासी मजदूरों के संबंध में अपने विचार रखे। वहीं उन्होंने सकारात्मक रुख रखते हुए आशा कि जल्द ही पहले की तरह सब कुछ सामान्य हो जाएगा और स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए जाएंगे।

पेश हैं बातचीत के कुछ अंश….

सवाल : कोरोना के चलते विद्यार्थियों की शिक्षा पर काफी असर पड़ा है। आॅनलाइन कक्षाएं कितनी कारगर मानते हैं और क्या आगे भी ऐसी ही तकनीक अपनाई जाएगी?

जवाब : बिल्कुल, जब तक कोरोना की समस्या है यह जारी रहेगा। सरकार तकनीक का हर लाभ उठाकर विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने में जुटी है। दुनिया के सामने इस तरह की समस्या पहली बार आई है, ऐसे में तकनीक का सहारा लेना आवश्यक हो गया है।

सवाल : 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे कैसे घोषित होंगे, क्यों बाकी रहे पेपर लिए जाएंगे?

जवाब : देखिए, 10वीं कक्षा का सांइस का पेपर नहीं हुआ, तो हमने निर्णय लिया कि बाकि पेपरों में आए नंबरों के आधार पर सार्इंस के पेपर में नंबर देकर उन्हें एक बार पास कर दिया जाए। और बाद में जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो उनका सार्इंस का पेपर ले लिया जाएगा। वहीं 12वीं की कक्षाओं के पेपर चैक हो चुके हैं। लेकिन जो पेपर बाकि हैं, जैसा कि सीबीएसई ने घोषणा की है कि जुलाई में पेपर लिए जा सकते हैं तो हमारी भी तैयारी है कि हम 12वीं कक्षा के बचे हुए पेपर जुलाई महीने में लेंगे।

सवाल : कई जगह बच्चों के पास आॅनलाइन शिक्षा के लिए साधन मुहैया नहीं है, ऐसे बच्चों के लिए क्या योजना है?

जवाब : देखिए, हम प्रदेश के हर बच्चे को आॅनलाइन तरीकों के जरिए शिक्षित करना चाहते हैं ताकि वह अपनी पढ़ाई में पीछे न रहे। इसके लिए सरकार पूरा प्रयत्न कर रही है। प्रदेश में चार चैनल ऐजुसैट द्वारा चलाए जा रहे हैं और स्वयंप्रभा जोकि केंद्र का उपक्रम है, इसके 36 चैनल भी शिक्षा प्रसारित कर रहे हैं, ये सब टीवी पर हैं। प्रदेश के चार चैनल और स्वयंप्रभा के चैनल सुबह 2 घंटे की क्लास देते हैं और शाम को उसी क्लास को रिपीट करते हैं। इसके अलावा ई-पाठशाला इत्यादि चैनल हैं, जो शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं। अध्यापकों द्वारा बच्चों के आॅनलाइन गु्रप भी बनाए गए हैं, जिनमें बच्चों के सवालों के हल किए जा रहे हैं।

सवाल : इंडस्ट्रीज की तरह क्या आने वाले दिनों में स्कूल-कॉलेज भी खुलने वाले हैं?

जवाब : बिल्कुल, इसमें हमने विचार किया है। इसमें हमने आल्टरनेटिव सिस्टम के तहत स्कूल-कॉलेज खोलने की सोची है। यदि क्लास में 30 बच्चे हैं तो 15 बच्चों को एक दिन बुलाया जाए और 15 बच्चों को दूसरे दिन बुलाया जाए। लेकिन इसके लिए हमने केंद्र से मंजूरी मांगी है और यदि केंद्र मंजूरी दे देगा तो हम ओपन कर देंगे।

सवाल : निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीसों के लिए दबाव संबंधी खबरों पर क्या आपने संज्ञान लिया? स्कूल स्टाफ को वेतन कैसे दें, क्या इस पर कोई योजना है?

जवाब : बिल्कुल, ये कठिन परिस्थितियां हैं और ये सबके लिए हैं। हमारे पर कुछेक खबरें आर्इं कि निजी स्कूल बच्चों से फीसों की डिमांड कर रहे हैं तो हमने इस पर स्कूलों को फीस मांगने से रोका। लेकिन स्कूलों की दलील सुनने के बाद सरकार ने निर्णय लिया कि निजी स्कूल केवल एक महीने की सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकते हैं, जिसमें अन्य फीसें नहीं ली जाएंगी, ताकि वे अपने खर्च निकाल सकें। ऐसे में अभिभावकों ने एक महीने की ट्यूशन फीस दी हैं। ये मिलजुल कर चलने का समय है, यहां एक-दूसरे के सहयोग की जरूरत हैं और मिलजुल कर हम इस स्थिति से बाहर आ जाएंगे।

सवाल : शिक्षा मंत्री होने के नाते आप प्रदेश के अध्यापकों और विद्यार्थियों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

जवाब : बिल्कुल, मेरी अपील सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों से है। सरकार आॅनलाइन और टीवी के माध्यम से जो शिक्षा देने का प्रयास कर रही है, बच्चे उसमें इंटरैस्ट लें और यदि उनका कोई सवाल है, शंका है तो अपने अध्यापक से मोबाइल पर बात करें अपनी शंका को दूर करें। वहीं अध्यापकों से अपील है कि वे इस समय में विद्यार्थियों से आॅनलाइन माध्यमों द्वारा जुड़े रहें व उनकी शंकाओं का समाधान करते रहें। क्योंकि जल्द ये दिन बदलेंगे और सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा, हमें धैर्य रखना है और नियमों को मानना है।

सवाल : प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की समस्या गंभीर है, इसे कैसे देखते हैं?

जवाब : देखिए, प्रवासी मजदूर हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं, वे हम में से ही हैं। इस मुश्किल घड़ी में हरियाणा सरकार उनके लिए हर बंदोबस्त कर रही है। इंडस्ट्री, फैक्टरी मालिक भी मदद कर रहे हैं। उनकी मदद के लिए समाज आगे आ रहा है। प्रत्येक प्रवासी मजदूर जो कि हरियाणा के लिए अपना खून-पसीना बहा रहा था, हमारा अभिन्न अंग है और रहेगा। सरकार उन्हें वापिस घर भेजने के तमाम उपाय कर रही है, हजारों बसें एवं रेलगाड़ियों से उन्हें अपने-अपने घर वापिस भेजा जा रहा है और जो यहां रह कर काम करने चाहते हैं, उनके लिए भी रास्ते खोजे जा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम हर प्रवासी मजदूर के साथ हैं।

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