कारियो । सऊदी अरब ने कतर के उन श्रद्धालुओं के लिए बॉर्डर खोल दिया है, जो इस साल हज के लिए आना चाहते हैं। सऊदी सरकार ने बुधवार को कहा कि वो इस साल हज करने के लिए सऊदी अरब में कतरी तीर्थयात्रियों का स्वागत करेंगे। दरअसल सऊदी अरब, मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने 5 जून को कतर के साथ राजनयिक और कारोबारी संबंध तोड़ लिए थे। ऐसे में उस वक्त शुरू हुए राजनयिक संकट के बीच यह बहुत ही अहम निर्णय है।
एक विवाद के बीच जून से दोनों देशों के बीच परिवहन और राजनयिक संबंध फिलहाल टूटे हुए हैं। सऊदी की आधिकारिक प्रेस एजेंसी के एक बयान में कहा गया है कि सलवा बॉर्डर कतरी नागरिकों के लिए खुलेगा, जो हज यात्रा पर आना चाहते हैं।
सऊदी न्यूज एजेंसी के मुताबिक सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और दोहा के दूत के बीच मुलाकात में सीमा संबंधी निर्णय लिए गए हैं, जिसमें शाह सलमान ने आदेश दिया कि कतर के सभी तीर्थयात्रियों को ‘हज के लिए सीमा पार करके सऊदी अरब में प्रवेश की’ इजाजत होगी।
कतर में 80% विदेशी रहते हैं
सऊदी की आधिकारिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और दोहा के दूत के बीच मुलाकात के बाद सीमा संबंधी यह निर्णय लिया गया। शाह ने आदेश दिया है कि कतर के तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा करने के लिए सलवा बॉर्डर पार करके सऊदी अरब में प्रवेश की अनुमति होगी। उन्होंने यह भी आदेश दिया था कि सऊदी विमानन कंपनी के निजी विमानों को दोहा हवाईअड्डा भेजा जाए, ताकि सभी कतरी तीर्थयात्रियों को उसके खर्चे पर लाया जा सके।
सऊदी अरब और उसके अरब सहयोगियों ने दोहा पर ‘आतंकवादियों’ का समर्थन करने और ईरान के बहुत करीब होने का आरोप लगाया था, जिसके चलते कतर के साथ हवाई, समुद्री और जमीनी रिश्ते खत्म कर दिए थे और साथ ही आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। कतर ने इन आरोपों से इनकार करते हुए खाड़ी देशों पर उसकी अर्थव्यवस्था का दम घोंटने की कोशिश का आरोप लगाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, 26 लाख की जनसंख्या वाले कतर में 80% विदेशी रहते हैं। यह प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से दुनिया का सबसे अमीर देश है।
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