बरनावा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां गत रविवार को आदरणीय साहिबजादी बहन हनीप्रीत इन्सां के साथ अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर करोड़ों साध-संगत से लाइव रूहानी रूबरू हुए। इस दौरान रूहानी बहन हनीप्रीत इन्सां ने साध-संगत द्वारा भेजे गए सवालों को पढ़ा, जिनका पूज्य गुरु जी ने जवाब देकर साध-संगत की जिज्ञासा को शांत किया।
सवाल : पिता जी नींद बहुत ज्यादा आती है, क्या करें?
पूज्य गुरु जी : रात को नींद ज्यादा आ रही है तो रात का खाना कम कर दीजिये। क्योंकि जब खाना कम खाएंगे, यानि 50 पर्सेंट भूखे रह लीजिये तो नींद नहीं आएगी। और फिर भी नींद ज्यादा आ रही है तो डॉक्टर से चैकअप करवाएं, क्योंकि हो सकता है कहीं दिमाग में कोई परेशानी न हो। या टैंशन दो काम करती है या तो नींद को उड़ा देती है या बहुत ज्यादा नींद आती है। सुमिरन कीजिये, भक्ति कीजिये, उससे आत्मबल जागेगा और टैंशन दूर हो जाएंगी।
सवाल : पिता जी एक शिष्य को ऐसा क्या करना चाहिए कि गुरु और शिष्य हर पल रूबरू होते रहें।
पूज्य गुरु जी : उसके लिए तो सेवा और सुमिरन ही सबसे बड़ा उपाय है। क्योंकि गुरु नहीं, वो भगवान आते हैं, वो निराकार हैं, लेकिन अगर सच्चे दिल से पुकारों तो संत, पीर-फकीर के रूप में आते हैं और ज्यादा सुमिरन किया जाए तो वो अपना नूरानी रूप प्रकट कर लेते हैं। तो इसके लिए तो सेवा और सुमिरन ही सबसे बढ़िया उपाय हैं।
सवाल : पिता जी मैं एग्रीकल्चर का स्टूडेंट हूँ, किसानों से बातचीत होती रहती है, कुछ ऐसे टिप्स बताएं, जो मैं किसानों को दे सकूं।
पूज्य गुरु जी : सबसे बढ़िया और सबसे जरूरी टिप्स आज के समय में आॅर्गेनिक खेती और कम से कम पानी लगने के बावजूद भी ज्यादा पैदावार हो। तो ये बहुत जरूरी है। रीयूज वाटर सिस्टम आश्रम में बना हुआ है। उसका भी सदुपयोग किया जा सकता है, अगर आप बताएं। ये आज के समय की मांग है कि ऐसी फसल ली जाए जो कम पानी में ज्यादा पैदावार दे।
सवाल : बिजनेस में फायदा हो इसके लिए क्या करें?
जवाब : बिजनेस की बात है तो उसका तज़ुर्बा लेकर लगातार अगर करेंगे तो हो सकता है उतार चढ़ाव आने के बाद एकदम से चढ़ाई हो जाए यानि आप बिजनेस में आगे बढ़ जाएं। तो इसके लिए थोड़ा संयम रखना बहुत जरूरी है। अगर आपको तज़ुर्बा है तो। और सही जगह चुनना भी जरूरी है। कहीं ऐसी जगह पर आप बिजनेस खोल ले जहां ग्राहक ही कोई नहीं तो बिजनेस चलेगा कैसे? तो ये सारा बिजनेस शुरू करने से पहले स्टडी कर लेनी चाहिए कि किस एरिया में क्या चीज की जरूरत है तो उसके अनुसार अगर आप बिजनेस करेंगे तो यकीनन आप सफल होंगे।
सवाल : पिता जी नेत्रहीन आश्रम, बुजुर्ग आश्रम और मंदबुद्धि आश्रम में रहने वाले लोगों को कैसे राम नाम से जोड़ें, क्योंकि उनके आॅनर उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं देते।
जवाब : बेटा आप धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के नारे का जाप बता सकते हैं, ताकि प्रभु का नाम ले सकें। ओउम, हरि, राम, गॉड, खुदा आदि उसके अनेक नाम हैं, ताकि उस पर वो जाप करते रहें और वो खुशियां ले सकें।
सवाल : पिता जी हमने तो नाम लिया है, लेकिन पति और सास-ससुर ने नाम नहीं लिया हुआ तो उन्हें राम-नाम से जोड़ने के लिए क्या करें?
पूज्य गुरु जी : खाना वगैरहा नाम जपकर बनाएं बेटा, सुमिरन करके बनाएं। सतगुरु से प्रार्थना, अल्लाह, वाहेगुरु, राम से प्रार्थना करके खाना बनाएं, क्योंकि धर्मों में लिखा है कि जैसा खाओ अन्न, वैसा होए मन। तो जरूर चेंजिज आएंगे और वो भी राम-नाम से जुड़ जाएंगे।
सवाल : पिता जी सुबह के समय किया गया व्यायाम ज्यादा असर डालता है या शाम के समय का।
पूज्य गुरु जी : दोनों ही समय की एक्सरसाइज यानि सुबह-शाम की अलग-अलग असर करती है। तो सुबह भी व्यायाम करना चाहिए और शाम को भी।
सवाल : पिता जी आज की युवा पीढ़ी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए? जिससे युवा पीढ़ी गलत रास्ते पर न जाए।
पूज्य गुरु जी : युवा पीढ़ी जो ढ़ाई-तीन बजे तक सोती है उनके बारे में क्या बताएं? लेकिन सही समय पर सोना और सही समय पर जागना। फिर फ्रैश वगैरहा होना। सुमिरन करना और एक्सरसाइज करना ये लाजमी है। और इसी दरम्यिान अगर आप हाई क्लास की स्टडी कर रहे हैं तो उसके लिए बहुत जरूरी है आप सुबह उठकर स्टडी करें और उसके बाद एक्सरसाइज जरूर करें, घूमकर आएं, फिर पढ़ेंगे तो माइंड फ्रैश होगा और जो याद करेंगे वो भूलेंगे नहीं।
सवाल : पिता जी आप यूथ के इंस्पीरेशनल और रोल मॉडल हो। कुछ लोग पास्ट में तो कुछ फ्यूचर में जी रहे हैं। वर्तमान कम लोग सोचते हैं। हर फिल्ड में आप इतना अच्छा प्रफोरमेंस कैसे कर लेते हैं? हमें कुछ ऐसा बताएं कि हम वर्तमान में अच्छा कर सकें।
पूज्य गुरु जी : जो गुजर गया है उसे याद करने से कुछ मिलने वाला नहीं। और जो आने वाला है उसका आप कुछ कर नहीं सकते। गुजरे हुए को वापिस नहीं लाया जा सकता और आने वाले को आप पकड़ नहीं सकते। तो सीधी सी बात है, जो आपका है उसके अनुसार चलिये। यानि आज में जीना सीखिये, कि आज जो जिंदगी का दिन है वो सबसे बेहतर दिन है, बल्कि सुबह उठकर शुक्राना कीजिये कि प्रभु आज मैं जिंदा हूँ तेरी बहुत कृपा है और फिर अच्छे कर्म कीजिये, अच्छे कर्मों में लग जाइये, क्योंकि अच्छे कर्म आपके आने वाले समय को और गुजरे समय को, दोनों को सुधार देंगे।
सवाल : पिता जी पेपरों की तैयारी के लिए टिप्स दें।
पूज्य गुरु जी : एग्जाम में ढंग से पढ़कर जाएं। और जो पेपर है, उसमें जो सबसे बड़े प्रश्न यानि सबसे ज्यादा अंकों के हैं, उन्हें पहले करना चाहिए और जो छोटे-छोटे होते हैं, उनको बाद में करें। और सबसे जरूरी बात जो आपको आता है, उन प्रश्नों को पहले हल करें। इसके साथ ही टैंशन बिल्कुल ना लें, क्योंकि टैंशन में कई बार जो आता होता है, उसे भी भूल जाते हैं।
सवाल : प्यारे पापा जी संचित कर्मों को कैसे बदलें?
पूज्य गुरु जी : संचित कर्मों को बदलने के लिए प्रभु के नाम के अलावा और कोई तरीका नहीं है। प्रभु का नाम ही संचित कर्मों को बदल सकता है और सेवा करें, बेग़र्ज, नि:स्वार्थ भावना से पूरी सृष्टि से प्रेम करें।
सवाल : पिता जी आपजी ने बताया कि 700 भजन लिखें हैं, क्या कुछ नई मूवी की स्क्रिप्ट भी लिखी है?
पूज्य गुरु जी : सिर्फ भजन लिखे हैं, मूवी की तरफ ध्यान नहीं गया।
सवाल : पिता जी कई बार होता है कि हमारे आसपास के लोग परेशान होते हैं, हम उनकी परेशानी को दूर करने के लिए क्या करें?
पूज्य गुरु जी : बेटा, जहां तक संभव हो अगर सेवा, सुमिरन से उनका दु:ख दूर होता है तो जरूर कीजिये। अगर आप आर्थिक तौर पर मजबूत हैं और आपके द्वारा दी गई आर्थिक मदद उनको थोड़ा सा भी सुख पहुंचा सकती है तो जरूर ऐसा करना चाहिए।
सवाल : बच्चों को नए माहौल में कैसे सैट करें?
पूज्य गुरु जी : बच्चों का माहौल पहले से ही सैट करें, ना कि बच्चों को नए माहौल में सैट करना। जहां भी आप रहना चाहते हैं, उसके अकोर्डिंग बच्चों को ट्रेनिंग दें। बहुत देशों में देखा गया है कि छोटे-छोटे बच्चों को स्विमिंग में डाल देते हैं। तो 10-15 साल की उम्र में जाते-जाते वो ओलंपिक तक में गोल्ड मैडल जीत लेते हैं। तो ये आम वातावरण में डालना कोई मुश्किल काम नहीं है। तो जब ऐसा किया जा सकता है तो आप सुमिरन के द्वारा थोड़ा सा केयर करें और बच्चे की वो जिद पूरी करें जो जायज हैं। शुरू से नाजायज जिद पूरी ना करें तो बच्चा हर माहौल में ढल सकता है।
सवाल : गुरु जी बुरे लोग अच्छे लोगों से आगे क्यों रहते हैं? और अच्छे इन्सान कुछ कर नहीं पाते और बुरे लोग उन्हें परेशान करते रहते हैं।
पूज्य गुरु जी : अरे भाई अच्छे लोग क्यों नहीं कुछ कर सकते? हम तो 21 घंटे जागते रहते हैं अच्छे होकर भी, और दिन-रात लोगों का नशा छुड़ाए जा रहे हैं अच्छे होकर भी, तो आप एक आध बुरा आदमी दिखा दीजिये जो नशे छुड़ा रहा हो। सिर्फ आप माया को ही ये ना सोचें कि आगे निकल गया। इन्सानियत भी कोई चीज होती है बेटा। माया से बहुत अरबों-खरबों पति लोग हुए हैं, जिन्हें कोई नहीं जानता, लेकिन संत कबीर जी हो गए, गुरु साहिबान हो गए, पीर-पैगम्बर हो गए, आज भी उनका नाम सत्कार के साथ लिया जाता है, इज्जत के साथ लिया जाता है तो उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनकी आज भी याद दिलों में ज्यों की त्यों है। और जो बहुत धनाढ्य थे, हमें लगता है एक दिल है, जिसमें वो बसे होंगे अदरवाइज ज्यादा दिलों में संत-पीर, पैगम्बरों की जगह है, महापुरुषों की जगह है। तो अच्छाई हमेशा आगे बढ़ती है, लेकिन अगर सिर्फ माया की बात करते हो तो वो तो कहते हैं कि पापी के घर भी होती है और उससे अगर सुख ही ना मिला तो क्या फायदा? एक आदमी ऐसा होता कि दिहाड़ी करता है, मजदूरी करता है, और बड़े-बड़े ढेले वाली जमीन के ऊपर सो जाता है, बड़ी बढ़िया नींद आती है। और एक के पास अरबों रुपये हैं, फिर भी नींद नहीं आती, इंजैक्शन लेते हैं, टैबलेट्स लेते हैं तो आप इनमें से किसको सुखी मान रहे हैं। जिसके पास सारे साधन हैं उसको, उसको नींद नहीं आ रही सारी रात, करवट बदलता रहता है। और दूसरी तरफ एक गरीब, अच्छा कर्म करने वाला, मेहनत की खाने वाला, राम का नाम लेने वाला और वो ऐसे सोता है, जैसे घोड़े बेच कर सो गया। तो हमारे ख्याल से वो ज्यादा सुखी है, वो ज्यादा अच्छा है, वो ज्यादा आगे है जिन्दगी के हर पहलू में। बजाय उसके जो रात-दिन करवटें ही बदलता रहता है और टैंशन में रहता है।
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