सरसा(रविन्द्र शर्मा)। सत् ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां (75) आज सुबह सतगुरू से ओड़ निभाकर सचखंड जा बिराजे। उन्होंने शाह सतनाम जी धाम सरसा में सुबह के समय आखिरी सांस ली। वह हमेशा मालिक की बंदगी और मानवता भलाई के कार्यों में लीन रहते थे। सत् ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां का जन्म 2 फरवरी 1947 को पिता अर्जुन सिंह और माता जल कौर के घर गांव कणकवाल चहलां जिला मानसा (पंजाब) में हुआ। वह बचपन से ही नेक विचारों वाली सख्शियत थे। उनके दो बेटे गुरसेवक सिंह इन्सां, हरदेव सिंह इन्सां और एक बेटी गुरमीत कौर इन्सां है। सत् ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां ने सन् 1978 में पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की। इसके साथ ही वह राम-नाम के सिमरन और मानवता भलाई के कार्यों में बढ़चढ़ हिस्सा लेने लगे।
जब भी उनको डेरा सच्चा सौदा दरबार में आने का मौका मिलता तब वह तुरंत सेवा में चले आते थे। वह जरूरतमंदों की मदद के लिए भी हमेशा आगे रहते थे। वह डेरा सच्चा सौदा के मानवता भलाई के कार्यों में अन्यों को भी हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करते रहते थे। उन्होंने अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा। सन् 1987 में वह डेरा सच्चा सौदा दरबार में आ गए और सत् ब्रह्मचारी सेवादार बन गए। इसके साथ ही वह मालिक की सृष्टि की नि:स्वार्थ भावना से सेवा को समर्पित हो गए। सत् ब्रह्मचारी सेवादार बनने के बाद उन्होंने अपनी रहती जिंदगी शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में पूरी ईमानदारी और मेहनत करते सेवा बिताई। इस दरमियान वह समय में से समय निकालकर शाह सतनाम जी धाम में खेतीबाड़ी की सेवा भी करते रहे।
वह अपने अंतिम समय तक सतगुरू के सिमरन में लीन रहे। 31 जनवरी दिन सोमवार को सुबह अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा बिराजे। शाह सतनाम जी धाम, सरसा के नजदीक शमशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके उनके पारिवारिक सदस्य, रिश्तेदार, डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधकीय समिति के सदस्य और साध-संगत ने सचखंडवासी सत् ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां को भाव भिन्नी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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