हेगड़े ने कहा कि आपस की बात मीडिया के सामने नहीं हो सकती है
(Sanjay Hegde)
नई दिल्ली (एजेंसी)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले दो महीने से शाहीनबाग के कालिंदी कुंज मार्ग की बीचोंबीच जारी विरोध प्रदर्शन को यहां से हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त वातार्कार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से बुधवार को बातचीत शुरू की। हेगड़े ने सबसे पहले प्रदर्शकारियों को शीर्ष अदालत के फैसले को पढ़कर अंग्रेजी में सुनाया उसके बाद श्रीमती रामचंद्रन ने दोबारा हिंदी में फैसले के बारे मे विस्तार से बताया।
अदालत के निर्देश के हिसाब से हम सब मिलकर समाधान निकालना चाहते हैं
श्रीमती रामचंद्रन ने सर्वोच्च अदालत का फैसला पढ़ते हुए कहा की विरोध प्रदर्शन करना आपका अधिकार है लेकिन इससे दूसरे के अधिकार में बाधा उत्पन्न न हो और सार्वजनिक सुविधा पर सभी का बराबर हक है। सड़क पर यहां से प्रतिदिन गुजरने वालों का भी बराबर का अधिकार है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देश के हिसाब से हम सब मिलकर समाधान निकालना चाहते हैं। उन्हें विश्वास है कि हम ऐसा हल निकालेंगे की पूरी दुनिया में मिसाल बन जाये।
- श्रीमती रामचंद्रन ने कहा कि हम आपस में बात करना चाहते है ।
- मीडिया के सामने बात नहीं की जाएगी।
- इस पर कुछ लोगों ने एतराज जताया।
- हेगड़े ने कहा कि आपस की बात मीडिया के सामने नहीं हो सकती है।
- मीडिया के सामने बात करने को लेकर लोगों से राय मांगी।
- इस पर राय बंटी नजर आई।
- बातचीत की बीच से मीडिया को हटाने के निर्णय लिया गया
- बातचीत के बात मीडिया को पूरी जानकारी दी जाएगी।
प्रदर्शनकारियों और वातार्कार के बीच बातचीत शुरू हो गई है लेकिन यहां बैठे लोग सीएए की वापसी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू नहीं करने से पहले यहां से हटने को राजी नहीं है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने को राजी कराने के लिए सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े को वातार्कार नियुक्ति किया तथा मामले की सुनवाई 24 फरवरी तक के लिए टाल दी थी।
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