सख्ती। जिला संगरूर में चौकसी टीमों द्वारा 395 स्थानों का दौरा | Straw
संगरूर(सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और पंजाब सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जिला संगरूर में चौकसी टीमें गठित की गई हैं, जो जिले में पराली जलाने के मामलों पर बाज की आंख रख रही हैं। उपरोक्त शब्द डिप्टी कमिशनर संगरूर घणशाम थोरी ने कहे। उन्होंने कहा कि चौकसी टीमों द्वारा अब तक 395 स्थानों का दौरा किया गया है, जिस दौरान पराली जलाने के 144 मामलों में 3.6 लाख रूपये का जुर्माना किया गया है।
थोरी ने बताया कि चौकसी टीमें पूरे जिले में फसली अवशेष जलाए जाने के मामलों पर पास से नजर रख रही हैं और प्रतिदिन ही रिपोर्ट दी जी रही है। उन्होंने बताया कि 29 अक्तूबर तक चौकसी टीमों द्वारा कुल 395 स्थानों का दौरा किया गया, जिस दौरान 251 स्थानों पर पराली जलाने के केस सामने नहीं आए,जबकि 144 केस सामने आने पर सम्बन्धित व्यक्तियों को 3 लाख 60 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने वालों पर नियमों अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को पराली न जलाने प्रति किया जा रहा जागरूक
डिप्टी कमिशनर ने बताया कि सख्ती बरतने के साथ साथ किसानों को जागरूक करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। किसानों को पराली जलाने के नुक्सानों संबंधी जागरूक करने के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग, शिक्षा विभाग और ओर विभागों की तरफ से लगातार जागरूकता गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इसके साथ पंजाब सरकार की तरफ से कृषि और किसान भलाई विभाग के द्वारा पराली के सभ्यक प्रबंधन के लिए किसानों /किसान समूहों और सहकारी सभाओं को मशीनरी पर सब्सिडी मुहैया करवाई गई है।
- इसके अलावा जिला संगरूर में गौशालाआें में पराली बैंक बनाने की भी पहल की गई है।
- फसली अवशेष को आग न लगाने वाले किसानों को उत्साहित करने के लिए
- ‘वीआईपी पहचान पत्र’ भी जारी किए गए हैं
- व अन्य किसानों को भी यह कार्ड जारी किए जाएंगे,
- जिससे ऐसे किसानों को सार्वजनिक सेवाओं पहल के आधार पर मुहैया करवाई जा सकें।
- उन्होंने किसानों से अपील की वह पराली के पर्यावरण समर्थकी
- प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार की मुहिम में बनता सहयोग दें।
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