मकान बनाने में 50 लाख से अधिक की राशि की गई खर्च
संगरूर/शेरपुर (रवी गुरमा)। किसी भी व्यक्ति का जिंदगी में यही मुख्य उद्देश्य होता है कि उसका खुद का घर हो जहां वह अपनी जिंदगी बच्चों के साथ बिताए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन्सान पूरी आयु संघर्ष करता है फिर कहीं जाकर उस के सिर लायक छाया नसीब होती है परंतु आज कल महंगाई के युग में लाखों परिवार ऐसे हैं जो अपनी वित्तीय हालत के चलते अपना यह सपना पूरा नहीं कर सकते परंतु आज के दौर में कुछ ऐसी संस्थाएं हैं जो कि सी जरूरतमंदों के इस सपने को पूरा करने में लगातार प्रयत्नशील हैं वह संस्था है डेरा सच्चा सौदा। डेरा सच्चा सौदा द्वारा हर वर्ष सैंकड़ों की संख्या में जरूरतमंदों के मकान बना कर दिए जा रहे हैं। जिला संगरूर के अकेले ब्लॉक शेरपुर ने थोड़े जैसे में ही 35 के लगभग जरूरतमंदों के लिए घर बनाकर दिए हैं जो आज खुशी -खुशी अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
आज सच-कहूँ की तरफ से ब्लॉक शेरपुर के जिला संगरूर का दौरा कर ब्लॉक शेरपुर की तरफ से किए कामों का विस्तार सहित विवरण एकत्रित किया गया। ब्लॉक की तरफ से समय-समय पर रक्तदान कैंप, नेत्रदान, मरणोंपरांत शरीरदान, क्लाथ बैंक, फूड बैंक, गरीब लड़कियों के विवाह, आवारा पशुआें का ईलाज, गरीब व्यक्तियों का ईलाज करवा कर डेरा सच्चा सौदा की साध संगत गरीबों का सहारा बन रही है। इसके अलावा कस्बा शेरपुर जिला संगरूर का एक मात्र ग्रामीण स्तर का ब्लॉक है जिसने कि पिछले कुछ वर्षांे में 35 जरूरतमंद गरीब परिवारों और विधवा महिलाआें को मकान बना कर उनका सपना पूरा कर उनका सहारा बने हैं। यहां साथ यह भी बताना बनता है कि यह लोग मकान बनाने के लिए किसी से रूपये इकठ्ठा करके नहीं बल्कि अपनी मेहनत की कमाई में से ही जरूरतमंदों को मकान बना कर देते हैं। एक दिन में ही पूरा मकान बना के उसकी चाबी मकान मालिक को सौंप अपने-अपने घर आ जाते हैं।
जानकारी मुताबिक मकान बनाने की कड़ी के तहत ब्लॉक द्वारा गांव ईना बाजवा में 11, कस्बा शेरपुर में 5, घनौरी कलां में 3, हेड़ीके में 3, बड़ी में 2, मुबारकपुर चुघां में 2, चंदन, गुरमा, हमीदी, छन्नां, मनाल, गुरबख्शपुरा, छोटी घनौरी, सलेमपुर, कातरां में 1-1 मकान बना कर कुल 35 मकान बना कर जरूरतमंद परिवारों को सौंप चुका है। इन घरों को बनाने पर ब्लॉक शेरपुर का औसतन खर्च पचास लाख रुपये से भी अधिक आया है। इसके अलावा समूह ब्लॉक समिति व साध संगत पूज्य गुरु जी के दिशा-निर्देशों तहत मानवता भलाई के 133 कामों में समय-समय अहम भूमिका निभाती आई है व हमेशा ही निभाती ही रहेगी।