कोरोना योद्धाओं को सलाम

Salute to the corona warriors
देश भर के डॉक्टर, पुलिस व सफाई कर्मचारी, इस वक्त कोरोना वायरस जैसी नामुराद बीमारी से लड़ रहे हैं। इन्हें कोरोना वॉरियर्स का नाम दिया गया है। महामारी के बढ़ रहे प्रकोप के दौरान मुस्तैदी से ड्यूटी करना एक बड़ी कुर्बानी है। राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर इन योद्धाओं की सेवा दौरान मृत्यु उपरांत बड़ी मुआवजा राशि की घोषणा की है। केजरीवाल सरकार ने एक करोड़ और पंजाब सरकार ने 50 लाख राशि देने की घोषणा की। देश के कई हिस्सों में कुछ डॉक्टर और पुलिस अधिकारी कोरोना वायरस के कारण शहीद हो गए हैं। लुधियाना में पुलिस के एक उच्च अधिकारी की कोरोना से मृत्यु हो गई। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी एक ऐसा मामला सामना आया है। देश के कई राज्यों में पुलिस कर्मचारियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, जो उपचाराधीन है। इसके बावजूद वे अपने घर परिवार से दूर रहकर ड्यूटी व सेवा निभा रहे हैं। कहीं-कहीं तो कर्मचारी बीमारी के खौफ से भागने वाले भी हैं, लेकिन ऐसे बहुत ही कम लोग हैं।
हरियाणा में नई भर्ती किये डाक्टरों में से 97 ने अभी तक ड्यूटी ज्वाईन नहीं की, जिस कारण सरकार को उनकी नियुक्ति रद्द करनी पड़ी। कुछ डॉक्टर अपना घर नजदीक होने के बावजूद घर नहीं जा रहे ताकि उनका परिवार बीमारी की चपेट में न आ जाए, वह अपनी सेवा छोड़ने के लिए तैयार नहीं जो काबिल-ए-तारीफ है। यहां सरकार को उन समाजसेवी लोगों के जज्बे की भी सराहना करने की आवश्यकता है जो बिना किसी वेतन, स्वार्थ के प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। यह समाजसेवी तो अपनी जेब से पैसा खर्च कर अपना काम छोड़कर सेवा कर रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि समाजसेवी पहल नहीं करते तब लाखों लोगों तक अनाज पहुंचाना बेहद मुश्किल था और भुखमरी जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता था। सरकारी कार्रवाई को सफल बनाने में इन समाजसेवियों का अहम योगदान है। बेहतर हो यदि सरकार समाज सेवी संस्थाओं को बाकायदा आईकार्ड जारी कर उनके किसी तरह के नुक्सान की हालत में प्रशासन और सरकारी कर्मचारी की तरह सहायता करे। सभी कोरोना योद्धाओं को सम्मान देना चाहिए, यह भी आवश्यक है कि कठिन समय में काम कर रहे पत्रकारों को भी ऐसी स्कीम में शामिल किया जाना चाहिए।
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