बरनावा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से युवाओं से रूबरू हुए। इस दौरान पूज्य गुरू जी ने युवाओं द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। इसके साथ ही युवाओं को जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्त जीवन जीने के टिप्स भी दिए।
सवाल : गुरू जी मैं इंग्लिश नहीं बोल पाती, क्योंकि बचपन में ऐसा माहौल नहीं मिला। गुरू जी मुझे इंग्लिश आती तो है लेकिन विल पावर कम है तो मैं अपनी इंग्लिश और फ्लूएंसी कैसे इम्प्रूव करूं?
पूज्य गुरू जी का जवाब : हम बच्चों को कहा करते हैं हमेशा कि अगर आपको अपनी माँ की भाषा नहीं आती तो वो दु:ख की बात है। अगर कोई और लैंग्वेज है तो डरो मत, आप अपने यार, दोस्त, मित्रों में फर्राटेदार बोलने की कोशिश करो। कुछ झिझक आएगी, क्योंकि वहां कोई आपकी रिकॉर्डिंग नहीं हो रही है, वहां ऐसा कुछ नहीं है कि इसमें आपकी बेइज्जती हो जाएगी।
यार, दोस्तों में, परिवार में या कोई अच्छा बोलने वाला है उसके साथ शुरू कर दीजिये, मत झिझकिए, क्योंकि ये आपकी माँ की भाषा नहीं है, मातृभाषा आना बहुत जरूरी है, वो आप सबको आती है, हमें भी आती है। तो रही बात थर्ड लैंग्वेज की, जो किसी और की लैंग्वेज है, हमारी नहीं, हमारी क्योंकि माँ की नहीं, बाप की नहीं। तो उस लैंग्वेज को बोलते टाइम शर्माओ मत अगर आपको आती है, झिझको मत। अपने यार, दोस्तों में, मित्रों में, सहेलियों में, अपने माँ-बाप के साथ, बहन-भाई के साथ धड़ल्ले से बोलो तो यकीनन आपकी झिझक भी खुल जाएगी और यही जब आप किसी समाज में जाएंगे या किसी इंटरव्यू पर जाएंगे तो आपका एक बेस बन जाएगा, वहां आप झिझकेंगे नहीं।
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