किसी को मिल रहा नया जीवन, किसी के बन रहे बिगड़े काम
- जो ले रहे 15 मिनट सुबह और 15 मिनट शाम को राम का नाम
दु:ख में सुमिरन सब करै,
सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करै,
तो दु:ख काहे को होय॥
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां बरनावा आश्रम में 40 दिनों के लिए रूहानी सफर पर आए और उन्होंने 40 दिन के दौरान लाखों लोगों को नशों से मुक्ति दिलावाकर राम-नाम से जोड़ा। सिमरन हमें क्यों करना चाहिए? सिमरन से हमें क्या मिलता है इस पर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि जो मालिक से प्यार करते हैं, उसकी भक्ति करते हुए उसकी रजा में रहते हुए राम नाम का जाप करते हुए आगे बढ़ा करते हैं, उनके लिए कोई द्वेष, कोई नफरत, कोई अंहकार की जगह नहीं होती, वो सिर्फ और सिर्फ भगवान से सतगुरु मौला से प्यार करते हैं। उसकी बनाई प्रजा से बेगर्ज प्यार करते हुए सेवा करते रहते हैं तो ऐसे मुरीद ऐसे भक्तजनों की मालिक हर जायज इच्छा पूरी कर देते हैं। और वो भी कहने की जरूरत नहीं पड़ती। अभी सोचा भी नहीं होता, कल्पना भी नहीं की होती उससे पहले मालिक उनकी इच्छाएं पूरी कर देते हैं, चाहे रूहानी हो या दुनियावी हो।
जी हां ! 23 नवंबर का दिन था, पूज्य गुरु जी उस दिन सभी सेवादारों से मिल रहे थे सभी को दर्शन दिए और रूहानी वचनों की सौगात दी। पूज्य गुरु जी ने सेवादारों को प्रभु की खुशियां और जिंदगी का आनंद लेने के लिए निम्नलिखित वचन किए जिसमें एक था रोज सुबह और शाम कम से कम 15 मिनट सुमिरन जरूर करना है। पूज्य गुरु जी के वचनों का अमल करते हुए साध-संगत हर रोज सुमिरन कर रही है। क्या हरियाणा, क्या राजस्थान, क्या पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, केरल, असम, जम्मू & कश्मीर, पश्चिमी बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, ओड़िशा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, क्या तमिलनाडु और पड़ोसी देश नेपाल समेत विदेशों में भी विश्व शांति के लिए सिमरन कर रही है। आइयें आज सच कहूँ देश के विभिन्न राज्यों की कवरेज आपके सामने प्रस्तुत कर रहा है।
मध्यप्रदेश-
बिहार-
पश्चिम बंगाल-
पंजाब-
नेपाल-
तेलंगाना-
ताकि आने वाली प्रलय-महाप्रलय से बच सकें
आपको बता दें कि पूज्य गुरु जी ने 20 अक्तूबर को फरमाया कि बेपरवाह जी ने जो कहा- ‘‘दो घड़ी तू बैठके बंदे, राम नाम गुण गा। शायद वो राम-नाम गुण बेपरवाह जी इस बॉडी में खुद ही गवा (बुलवा) रहे हैं, आप लोग गा रहे हैं, अखंड सुमिरन कर रहे हैं, उसी की तरंगें हैं, जो हमारे अंदर आकर बेपरवाह जी गवा (बुलवा) रहे हैं कि ये काम करना बंद हो जाए, ये काम करना शुरू कर दो। ताकि मानवता का भला हो, आने वाली प्रलय-महाप्रलय से बचा जा सके। बाकी राम जाने, वो अपने कर्म अपने हिसाब से करता है, उसके नियम हैं।
हर कोई मर्जी का मालिक है तो वो (भगवान) भी तो मर्जी का मालिक है। आदमी की मर्जी को बदला जा सकता है, पर उस राम, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा, रब्ब की मर्जी को कौन बदलेगा, कौन रोकेगा। हाँ, उसके आगे दीनता, नम्रता, प्रार्थना करके, उसकी बनाई हुई चीजों को फिर से उसी तरह से हम लगाके, जैसे हमने बताया पानी बचाना शुरू कर दें, पेड़ों की संभाल कर दे तो हो सकता है वो इन चीजों से खुश होकर अपना इरादा बदल दे। तो मर्जी का मालिक है भई वो (भगवान)। तो इसलिए सभी से हमारी प्रार्थना है कि आप जरूर दुनिया को सचेत करें, पानी के बारे में, पेड़-पौधों के बारे में, प्रकृति के बारे में।
दिल्ली –
महाराष्ट्र-
हिमाचल प्रदेश –
असम –
धर्मों में भी लिखा है खाने के दो-अढ़ाई घंटे बाद करें आधा घंटा प्रभु के नाम का सुमिरन
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं धर्म कहते हैं कि खाने के दो-अढ़ाई घंटे बाद आधा घंटा प्रभु के नाम का सुमिरन करना चाहिए। ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा, रब्ब की भक्ति इबादत करनी चाहिए। क्यूं, क्या सिर्फ भक्ति इबादत के लिए ही ये समय ठीक है, जी नहीं, बहुत रहस्य छुपा है इस दो अढ़ाई घंटे की बात में। मतलब खाने के कम से कम दो अढा़ई घंटे बाद आप सोए ना। इस दौरान अगर आप घूमते-फिरते रहेंगे तो आप का खाना अच्छे से हजम हो जाएगा। साथ में सुमिरन से आपकी भक्ति तो बनेगी ही, साथ में नींद भी अच्छी आएगी। विज्ञान भी यह कहती है कि खाने के तुरंत बाद लेटना नहीं चाहिए।
आयुर्वेदा ने भी माना आध्यात्मिक शक्ति
पूज्य गुरु जी ने बताया कि आयुर्वेदा में भी हमने इसके बारे में पढ़ा है। विज्ञान कहती है कि अगर इन्सान को नींद नहीं आती तो उसे काउंटिंग करनी चाहिए, लेकिन काउंटिंग करने से इन्सान को मिलेगा कुछ नहीं। मगर इसी दौरान इन्सान भगवान के नाम का सुमिरन कर लें तो उसे नींद भी अच्छी आएगी और हो सकता है मालिक सपने में कोई कर्म भी काट दें और दर्श-दीदार दे दें। पूज्य गुरू जी ने कहा कि विज्ञान धर्मों को फोलो तो कर रही है, पर थोड़ा अलग तरह से। जबकि धर्म सही बात बता रहे हैं। इसलिए रात को जल्दी सोने से फायदा है। हिंदु धर्म में लिखा है कि सुबह सवेरे 2 से 5 बजे का जो समय होता है वह ब्रह्म मुहूर्त है। इस समय को इस्लाम धर्म में बांगे वक्त फर्ज, इबादत वक्त का नाम दिया गया है। सिख धर्म में अमृत वेला बताया गया है जबकि ईसाई धर्म में प्रेयर आफ गॉड्स टाइम कहा गया है। यानी भाषा बदल गई, कहने का अंदाज बदल गया, लेकिन सभी का मतलब एक ही है।
तमिलनाडु –
झारखंड-
जम्मू & कश्मीर –
छत्तीसगढ़-
गुजरात-
अब वैज्ञानिक भी मानने लगे है भगवान को
नासा साइंस के अंदर विज्ञान भी इस समय के बारे में कहती है कि अर्ली मॉर्निंग में आॅक्सीजन भी मोर एंड प्योर होती है यानी सुबह 2 से 5 का जो समय होता है उसमें आक्सीजन भी ज्यादा और शुद्ध होती है। इस समय के दौरान प्रभु के नाम का सुमिरन करते हैं तो इन्सान को जो टैंशन है वो भी दूर होगी और बॉडी भी स्वस्थ महसूस करेगी। वहीं धर्मों में इसके बारे में लिखा है कि इस समय के दौरान जब प्रभु के नाम का लगातार जाप करते हैं तो इससे इन्सान के गम, दु:ख, दर्द, परेशानी, चिंता, टैंशन कम होगी, दूर होगी। इसके अलावा इन्सान दोनों जहान की खुशियों का हकदार बनेगा और अगर सुन-समाधि लगने लग जाए तो भगवान के भी प्रत्यक्ष दर्शन हो सकते हैं।
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