आ दर्श दिखा दो जी, गुरु जी आप आ जो जी।
दर्श बिना हम मुरझा गए । (जी)
आके आप जी हमें खिला दो जी।। आ दर्श दिखा …
आओगे आप हमरे पास। रूह तड़पे दिल लगी है प्यास।
याद तेरी में तड़प रहे हैं, दिल (में) लगी दर्शनों की आस।
आ दर्श …
दर्श तेरे के हम हैं मरीज। तुम सा हमें ना कोई अजीज़।
दया से तूने गुनाहगारों को। बना लिए तूने प्यारे मुरीद।
आ दर्श …
दिलो-जिगर में तू है समाया। जब से सच्चा तेरा प्यार है पाया।
गाए हवा, धरती व आसमां। फिर भी तेरा गुण जाए ना गाया।
आ दर्श …
पानी बिन मछली जैसे तड़पे। दिल बिन स्वास के ना जी धड़के।
प्राणहीन सा जिस्म लगे है। दाता जी हमें बिन दर्श के।
आ दर्श …
‘शाह सतनाम जी प्यारे दाता। रूह से तेरा सच्चा (प्यारा) नाता।
‘मीत कहे तेरी रहमत ऐसी। दर्श बिना कोई जाए ना प्यासा।
आ दर्श …।।
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