पूज्य पिताजी! तेरे बच्चें प्यारे अँखियों के तारे और जान से भी प्यारे
आपजी के पवित्र चरण कमलों में तड़प से अरदास करते हैं सारे
हे कुलमालिक दाता प्यारे
आपजी हैं हमारे एक मात्र सहारे
बिन आपके हम हर पल उदास हैं
आपके शीघ्र आगमन की कर रहें आश हैं।
अब देर न करो पास आ जाओ जी
दीद के प्यासों की प्यास बुझाओ जी।
हे साईं जी! अब आपको अवश्य आना होगा
अवतार दिवस का भंडारा हमारे साथ मनाना होगा।
वैराग्य में आपके सबके दिलों में उदासी छाई है
आपजी के आगमन की राह में पलकें बिछाई हैं।
बृजेश कुमार इंसान
ब्लॉक भंगीदास
रूडकी (हरिद्वार)
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