लाइव रूहानी रूबरू : इंस्टाग्राम पर साध-संगत से मुखातिब हुए पूज्य गुरु जी
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रविवार देर सायं आदरणीय साहिबजादी बहन हनीप्रीत इन्सां के साथ अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर करोड़ों साध-संगत से लाइव रूहानी रूबरू हुए। आपजी ने फरमाया कि प्यारी साध-संगत जीओ जब से हम आएं हैं, तब से आप लोग पूछ रहे थे कि एफडीडी (फादर डॉटर की जोड़ी) कब आएगी? आपकी ख्वाहिश थी कि आप हम बाप-बेटी की जोड़ी से सवाल पूछना चाहते हैं। बहुत सारी बात करना चाहते हैं तो लो आज हम आपके सामने आ गए हैं। हमारी बेटी भी साथ है। इसके पश्चात रूहानी बहन हनीप्रीत इन्सां ने साध-संगत द्वारा भेजे गए सवालों को पढ़ा, जिनका पूज्य गुरु जी ने एक के बाद जवाब देकर साध-संगत की जिज्ञासा को शांत किया। इस शुभ अवसर पर पूज्य गुरु जी की ओर से भेजे गए मोती चूर के लड्डू को खाकर साध-संगत खुशी से फूली नहीं समाई।
सवाल : सुमिरन में ध्यान लगाने लगा था, क्या करें कि ख्याल इधर-उधर ना जाएं?
पूज्य गुरु जी : सुमिरन में ख्याल जब लगाने लगो तो ध्यान इधर-उधर ना जाए इसके लिए जरूरी है कि चलते-फिरते सुमिरन करो। अभ्यासी बन जाओ। जैसे एक्सरसाइज कोई करना चाहता है तो उसको 22 दिन माना जाता है कि लगातार अभ्यास करे तो वो एक्सरसाइज का पक्का हो जाता है। इसी तरह राम-नाम के लिए कुछ समय निकालो चलते फिरते तो आप भी पक्के हो जाएंगे।
सवाल : पिता जी ऐसा क्यों लगता है कि हम अकेले हैं?
पूज्य गुरु जी : क्योंकि आपने आत्मबल को गिरा रखा है। आत्मबल को बुलंद कीजिए कभी नहीं लगेगा। सतगुरु पर भरोसा रखिए।
सवाल : पिता जी मेरी दादी जी की 2021 में कोरोना से मृत्यु हो गई थी। मुझे ऐसा लगता है इसमें मेरी गलती रही है। इस वजह से मैं काफी दुखी रहती हूँ।
पूज्य गुरु जी : बिल्कुल दुखी ना होओ। जो टाइम भगवान का लिखा हुआ है वो कम ज्यादा नहीं हो सकता। लापरवाही अगर हो गई है तो आप भगवान का नाम जपकर भगवान से प्रार्थना करें और माफी मांगें, तो टैंशन मत लें। क्योंकि वो समय निश्चित है।
सवाल : पिताजी आपजी सिर्फ तीन-चार घंटे ही आराम करते हो, फिर भी इतने एनर्जेटिक, फ्रैश दिखते हो, ये कैसे संभव है?
पूज्य गुरु जी : शाह सतनाम, शाह मस्तान जी दाता रहबर के रहमोकरम से संभव है, उनकी दया-मेहर, रहमत से संभव है और उन्होंने ही कृपा दृष्टि कर रखी है, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, राम ने कि ये सब संभव हो पाता है। अदरवाइज मुश्किल है, क्योंकि सारा दिन भागते रहते हैं। कभी ये काम कर, कभी आपसे मिल, कभी उससे मिल, क्योंकि सत्संग करते रहते हैं तो ये उन्हीं की कृपा है। हमारे में ऐसा कुछ नहीं है, उनकी कृपा में सब कुछ है। तो ये ही हम कहते हैं कि भगवान की कृपा होती है। इसी का नाम ही भगवान की कृपा है।
सवाल : आपकी आँखों का आॅरिजनल कलर यही है या आपने कोई कॉन्टेक्ट लैंस लगवाया है?
पूज्य गुरु जी : कॉन्टेक्ट लैंस बिल्कुल नहीं है, बिल्कुल ओरिजनल आँखें हैं। क्योंकि ये एमएसजी की आँखें हैं तो ये उनकी रहमत है।
सवाल : इतिहास में शिष्य ने गुरु के लिए जान कुर्बान कर दी और हमने पाँच साल निकाल दिए, इसकी माफी तो शायद हमें नहीं मिलेगी, आप मार्गदर्शन करें।
पूज्य गुरु जी : नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। आप सुमिरन करते रहिये, मालिक से दुआ करेंगे कि मालिक रहमत करें, कृपा करें।
सवाल : पिता जी आपका नया सॉन्ग बहुत अच्छा है, बार-बार सुनकर भी दिल नहीं भरता, इसकी वीडियो भी आएगी क्या?
पूज्य गुरु जी : हाँ, आएगी, टाइम लग सकता है। और बार-बार सुनते रहिये। मन नहीं भरता तो लगे रहो।
सवाल : पिता जी आपने इतने मानवता भलाई के काम किए हैं, जो एक आदमी नहीं कर सकता, एक अच्छे इन्सान के साथ इतना गलत हुआ ये देखकर अच्छाई करने का मन नहीं करता, परमेश्वर ही इंसाफ करे।
पूज्य गुरु जी : ऐसा होता है बेटा, जब से दुनिया साजी है, संत आए, अवतार आए, पीर-पैगम्बर आए। तो ये उस ओउम, हरि, अल्लाह, राम का खेल है। जैसा वो चाहते हैं वैसा अपने संत, पीर-फकीरों को नचाते रहते हैं, काम लेते रहते हैं। उनकी रजा में ही संत रहते हैं। पर इसका मतलब ये थोड़ी ना है कि अच्छा करना छोड़ दो। तो हम जबसे आए हैं हम तो नशा लगातार छुड़वा रहे हैं। इसी से आप प्रेरणा लेकर अपनी इच्छा शक्ति को जाग्रत करें और अच्छे कामों पर लगातार लगे रहें।
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