बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के लाइव दर्शनों को तड़प रही साध-संगत का इंजतार खत्म हो चुका है। पूज्य गुरु जी एक बार फिर साध-संगत को पावन दर्शन दिए।। आपको बता दें कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के बरनावा आश्रम में शुभ आगमन पर साध-संगत में खुशी का माहौल है। इस खुशी का इजहार साध-संगत दीप जलाकर, मिठाईयां बांटकर कर रही है।
पूज्य गुरू जी ने तड़पती हुई संगत की प्यास बुझाते हुए यूट्यूब पर लाइव आकर साध संगत को अपने दर्शनों से निहाल कर दिया। पूज्य गुरु जी द्वारा लाइव आकर दर्शन देने पर सारी साध-संगत में काफी उत्साह देखने को मिला रहा है। इस दौरान पूज्य गुरू जी ने लाइव आकर सभी को मानवता भलाई कार्य बढ़ चढ़कर करने के लिए प्रोत्साहित किया और अपने घर में रहकर सुमिरन करने के लिए वचन किए।
पूज्य गुरु जी के नूरानी स्वरूप के दर्शन कर तड़पती करोड़ों रूहे हुई शांत
शनिवार को करोड़ों रूहों की पुकार सुन एक बार फिर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां बरनावा आश्रम (उतर प्रदेश) में पधारे। आश्रम में अपने पावन चरण टिकाते ही पूज्य गुरु जी ने सबसे पहले अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से 2 मिनट 26 सेकिंड का वीडियो जारी किया। जिसमें पूज्य गुरु जी के नुरानी स्वरूप के दर्शन व अनमोल वचनों को सुनकर तड़पती करोड़ों रूहें शांत हुई।
पूज्य गुरु जी ने अनमोल वचनों में फरमाया कि ‘‘बहुत आशीर्वाद, मालिक सबको खुशियां दें, दया मेहर रहमत से नवाजे। आपने पहले की तरह जैसे आपको बोला था कि आप मानते रहना, अपने-अपने घरों में रहना, जैसे भी आपको बताएंगे जिम्मेवार, उसके अनुसार करना है। मनमर्जी नहीं करनी, भगदड़ नहीं करनी। तो ये आप जरूर मानियेगा हमारी बात। हमेशा मानते हैं, हमें गर्व है आप लोगों पर, हमारे बच्चों पर बहुत गर्व है। परम पिता परमात्मा बहुत ज्यादा खुशियाँ दे आपको। आपके दर्शनों के लिए यहाँ पर आ गए हैं। दर्शन चलते रहेंगे, बाते होती रहेंगी, सारी बातें करेंगे आपसे, लेकिन आपने माननी है बात, हमें पता है कहने की जरूरत नहीं है, इतनी बार। जिम्मेवार आपको जैसे कहेंगे, उसके अनुसार ही आप लोगों ने चलना है उसके अकॉर्डिंग ही बात करनी है।
अभी बस थोड़ी देर पहले ही पहुंचे हम यहाँ पर। मालिक आपको बहुत खुशियां दे, वो समुन्द्र आपको याद ही होंगे। समुद्र ऐसा है ना, ज्यादा भी हो जाते हैं तो ज्यादा बढ़ के आयेंगे, फिक्र मत करो और ज्यादा खुशी आएंगी। तो बहुत-बहुत आशीर्वाद, फिर बात करेंगे, बातें करते ही रहेंगे आप लोगों से, बस आप जुड़े रहना, बात करते रहना और छोटे बच्चों को भी बहुत आशीर्वाद, जवानों को भी आशीर्वाद और बुजुर्गों को भी, हमारे तो सारे ही बच्चे हैं, जैसे एक बच्चे ने पूछ लिया था, उसके साथ उसके पापा थे, दादा थे, कहने लगा गुरू जी, मैं भी पिता जी कहता हूँ, मेरा पापा भी पिता जी कहते हंै और मेरा दादा भी आप को पिता जी कहते हंै, ये चक्कर क्या है? हमने कहा बेटा, तेरी समझ में नहीं आएगा, पर बता देते हैं, संत जो होते हैं उनके लिए भगवान की औलाद, अपनी औलाद होती है, तो इसलिए पिता जी कहते हैं सारे, क्योंकि हमारे सारे बच्चे हैं, जो भगवान की औलाद है, वो हमारी औलाद है। तो सभी को आशीर्वाद, सारी भगवान की औलाद को आशीर्वाद, भगवान सब को खुशियां दे अंदर बाहर से माला माल करे। बहुत आशीर्वाद, आशीर्वाद, आशीर्वाद।
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