सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के इंस्ट्राग्राम पर नई रील आई है। पूज्य गुरु जी रील में ये शब्द कह रहे हैं …अब तक वहाँ उतरते हैं खुश्बूओं के काफिले, एक बार लिख दिया था शाह सतनाम जिस जगह पे। वीडियो देखने के लिए क्लिक करें…..
https://www.instagram.com/reel/Cm8ZR1wN_0G/?igshid=MDM4ZDc5MmU%3D
संसार में लोग चंद नोटों के लिए किसी न किसी के गुलाम बन जाते हैं: पूज्य गुरु जी
जब पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आज अपनी प्रेरणामयी मीठी आवाज में ‘महक आ रही है फिजा भी गा रही है…’ शब्द का गायन कर साध-संगत को मोहित कर दिया। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि पीरो, मुर्शिदे-कामिल का रहमो-कर्म एक ऐसे नशे, मस्ती के रूप में छाया हुआ है कि जीवात्माओं के पांव धरती पर नहीं लग रहे हैं। पूरी दुनिया में पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के जन्ममाह की धूम मची हुई है और जैसे-जैसे अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब के नाम की धूम मचती है तो काल के घर में भी आग लगती है। लेकिन हमारा सतगुरु, दयाल इतना महान् है कि चाहे आग लगे या कुछ भी हो, वो लाज रख रहा था, रखता है और हमेशा ही रखता रहेगा।
पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि इस संसार में लोग पता नहीं क्या भावना लेकर आते हैं। कई लोग आजाद होते हुए भी गुलाम बन जाते हैं और कई गुलाम होते हुए आजाद हो जाते हैं। इस संसार में लोग चंद नोटों के लिए किसी न किसी के गुलाम बन जाते हैं। थोड़े पैसे के लिए सारी उम्र की गुलामी करते हैं। पशुओं की तरह जीवन गुजारते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने जमीर की आवाज सुनते हैं और अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब से बेइन्तहा मोहब्बत करते हुए उसकी दया-मेहर, रहमत के काबिल बन जाया करते हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।