कर्मयोगी और ज्ञानयोगी बनने पर ही आप इन रहस्यों को समझ पाओगे
चंडीगढ़ (एमके शायना) कर्मयोगी और ज्ञानयोगी दो ऐसे सिद्धांत हैं जिनपे चलके हमारी सभ्यता ने बुलंदिओ को छूआ था। हमारे देश में परम्परा रही है कि पहले इंसान को ज्ञान दिया जाता था और फिर उस ज्ञान के कारण ही उसे अच्छे और बुरे कर्मो में भेद का पता चलता था। अच्छे-बुरे के ज्ञान होने के उपरांत ही कर्म किया जाता था। शिक्षा प्रणाली भी इस तरह से बनाई गयी थी की पहले शिष्य को ज्ञानयोगी बनाया जाता और फिर करम किया जाता था और प्राप्त किए गए ज्ञान पे अमल करने से सफलता मनुष्य के कदम चूमती थी। पर आजकल बिल्कुल उल्टा हो रहा है, लोगों ने यह भ्रांति बना रखी है कि कर्म ही पूजा है। लोग यह भूल चुके हैं कि कर्म तो बुरे भी हो सकते हैं तो बुरे कर्मों की पूजा कैसे हो सकती है? बुरे कर्मों का फल बुरा ही मिलता है। इसी वजह से लोग पहले की तरह सफलता हासिल नहीं कर पा रहे और तनावग्रस्त रहते हैं।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 30 दिनों की पैरोल के अंतर्गत बरनावा आश्रम से लाइव होकर करोड़ों लोगों को अच्छे बुरे कर्मों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्हीं वचनों को अब डेरा सच्चा सौदा के ऑफिशियल इंस्टाग्राम और यूट्यूब पेज पर ‘बरनावा डायरी’ के एपिसोड्स बनाकर साध संगत व आमजन के रूबरू किया जाता है। इसी कड़ी में हाल ही में डेरा सच्चा सौदा के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर ‘बरनावा डायरी’ का ‘सातवां एपिसोड’ पोस्ट किया गया है। जिसमें पूज्य गुरु जी कर्मों के दायरे में फंसे लोगों को अच्छे बुरे कर्मों की पहचान करवाते हुए फरमा रहे हैं कि, “आदमी के कर्म इंसान को देवता कहलवा देते है और आदमी के कर्म इंसान को शैतान कहलवा देते हैं, शैतान बना देते है। कर्मयोगी और ज्ञानयोगी जब बनोगे, तभी इन बातों की आपको समझ आएगी।
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कर्मयोगी यानी अच्छे कर्म करो और ज्ञानयोगी, उन कर्मों का ज्ञान हो। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। अकेला ज्ञान है तो कोई फायदा नहीं, अकेले कर्मयोगी हो तो कोई फायदा नहीं। सारे धर्मो में साफ लिखा है कितना भी ज्ञान क्यों ना हो जाए, जब तक उस पर अमल नहीं करते जब तक उसपे नहीं चलते तब तक आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते।”
पूज्य गुरु जी शुरू से ही कर्म योगी और ज्ञान जोगी होने पर जोर देते आ रहे हैं।
कई बार पूज्य गुरु जी यह पंक्तियां फरमाते हैं कि, “बिन अमला इल्म निकम्मे सारे कोई अमल कमा ले तूजे जस लेणा सतगुर द्वारे ” एक भजन के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने फरमाया है कि दुनिया में जितना मर्ज़ी इलम लेलो परंतु अमल किए बिना उस इलम की कीमत कौड़ी के भाव भी नहीं है। हे इंसान, अगर तू कुल मालिक से खुशियां लेना चाहता है, उस परमात्मा को पाना चाहता है तो जो ज्ञान सतगुर ने तुझे दिया है, उसपे अमल कर और फिर देख कैसे तुझे उस सतगुरु, अल्लाह, राम वाहेगुरु गॉड से परमानंद मिलता है, वह तेरा अंदर बाहर अपने अमृत-रस, आबोहयात से भर देगा। आपको बता दें कि यह ह्यबरनावा डायरीह्ण के स्पेशल एपिसोड्स हर मंगलवार और शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किए जाते हैं। अगर आपने यह एपिसोड अभी तक नहीं देखे तो आज ही यह एपिसोड देखें और पूज्य गुरु जी के लाइफ चेंजिंग अनमोल वचन सुनकर अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाएं।
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