-
पूज्य गुरु जी के दिल में जीवों के प्रति अथाह मोहब्बत बनी मिसाल
-
बेजुबानों को बचाने के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे अनगिनत अभियान
सरसा। (सच कहूँ/विजय शर्मा) एक वक्त था जब पक्षियों की चहचहाहट और पशुओं के मनमोहक दृश्य हमारे चारों ओर दिखाई और सुनाई देते थे। लेकिन बदलते आधुनिकता के दौर में जंगलों के कटने और अवैध शिकार, वायु प्रदूषण के कारण जानलेवा गैसों की वजह से वन्य जीवों व पक्षियों का अस्तित्व मिटने लगा है। डब्लूडब्लूएफ के अनुसार आज अधिकतर पशु-पक्षी विलुप्त होंने की कगार पर हैं। देश में बने बुचड़खानों में पशुओं पर हो रहे अत्याचार व पशु पक्षी संरक्षण के लिए विश्व में मानवता भलाई कार्यों में अग्रणीय डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां सराहनीय कार्य कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी देश को न केवल पशु-पक्षियों को बचाने का संदेश दे रहे हैं बल्कि जीव हत्या रोकने के लिए भी अनूठी मुहिम चलाकर मिसाल बने हैं। जीव जंतुओं के संरक्षण की दिशा में भी पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी का अवर्णननीय योगदान है।
यह भी पढ़ें:– World Animal Day : बहन हनीप्रीत इन्सां ने की दुनिया से ‘पशु कल्याण’ की अपील
बेजुबानों का सहारा बनी पूज्य गुरु जी की पक्षियोंद्धार मुहिम
पक्षियों के मिटते अस्तित्व को बचाने के लिए पूज्य गुरू जी ने पक्षियोंद्धार मुहिम का आगाज किया। पूज्य गुरु जी ने लोगों को घरों की छतों पर परिंडे बांधकर उनमें पानी व अनाज के दाने डालने की प्रेरणा देते आ रहे हैं। पूज्य गुरू जी के आह्वान पर आज पूरे विश्वभर में करोड़ों डेरा अनुयायी प्रतिदिन घरों की छतों व पेड़ों पर नयमित दाने पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। इतना ही नहीं हाल ही में पूज्य गुरु जी द्वारा गौ-माता के लिए सुबह सबसे पहले एक रोटी निकालकर निकाले की मुहिम भी शुरू की गई है। जिसका असर अब देखने को भी मिलने लगा है। इस घोर कलियुग में जहां इंसान का इंसान के प्रति बेगर्ज प्यार मुश्किल ही देखने को मिलता है वहीं डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी के दिल में जीवों के प्रति अथाह मोहब्बत आज जमाने के लिए एक मिसाल बन चुकी है। गौ-रक्षा के लिए भी पूज्य जी ने अपनी कॉमेडी फिल्म ‘जट्टू इंजीनियर’ की सक्सेस पार्टी में ‘काऊ मिल्क पार्टी’ कर गाय बचाने का संदेश दिया है।
घायल पशुओं का इलाज करवा रही साध-संगत
जब सड़कों पर घायल पशुओं के कोई आगे नहीं आया तो पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जीव सुरक्षा मुहिम का आगाज किया। पूज्य गुरु जी के एक आह्वान पर साध-संगत जहां बीमार पशु-पक्षियों का ईलाज कराकर परोपकार कर रही है वहीं हादसों का पर्याय बन रहे जिंदा व मृतक पशुओं को भी सड़कों से हटा कर दफ्फना रही है। वास्तव में यही है सच्चा पशु-पक्षी प्रेम जो पूज्य गुरु जी ने अपने सवा 6 करोड़ अनुयायी में भरा है। तो आईए हम सब आज विश्व पशु कल्याण दिवस के मौके पर मिलकर संकल्प लें कि बेजुबानों की संभाल करते हुए जीव संरक्षण में अपना योगदान देंगे।
पूज्य साईं जी के अनमोल वचन बन गए मिसाल:
…जब सांपों को मिला जीवनदान
बात उस समय की है जब वर्ष 1948 में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूज्य साईं बेपरवाह मस्ताना जी महाराज सरसा में आश्रम का निर्माण करवा रहे थे। इस दौरान सांप निकल आते तो पूज्य साईं जी ने फरमाया कि पुट्टर, जीव हत्या पाप है और वैसे भी ये हमें कह क्या रहे हैं, ये आपको कुछ नहीं कहेंगे। उन्हें पकड़ो और दूर ले जाकर छोड़ आओ। सेवादार वैसा ही करते। जब भी आश्रम से सांप निकलते सेवादार उसे पकड़कर दूर खेतों में ले जाकर छोड़ आते। तब से लेकर आज तक डेरा सच्चा सौदा में सांपों को मारने की बजाए पकड़कर छोड़ने की एतिहासिक परंपरा चली आ रही है। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है जिससे सांप को आसानी से पकड़ा जा सकता है। जीव संरक्षण की ऐसी मिसाल आपने न कहीं देखी और न ही सुनी होगी। केवल सांप ही नहीं पूज्य बेपरवाह जी ने सभी जीवों से प्रेम करना सिखाया।
देशभर में बने डेरा सच्चा सौदा के दरबार की दीवारें भी दे रही जीव प्रेम का संदेश
डेरा सच्चा सौदा के आश्रमों व नामचर्चाघरों की दीवारों पर भी जीव संरक्षण का अद्भुत नमूना देखने को मिलता है। डेरा सच्चा सौदा के देश व दुनिया में किसी भी आश्रम या नामचर्चाघर में चले जाईए आपको दीवारों पर हाथी, बाघ, मोर, घोड़ा व अन्य कई तरह के पशु-पक्षियों की आकृतियां देखने को मिलेंगी जो कि जीव संरक्षण का एक अनूठा उदाहरण हैं।
..जब पिल्ले को मिला नया जीवन
पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जब शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल में ‘एमएसजी-2 द मैसेंजर’ की शूटिंग कर रहे थे तो एक रोज रात को अचानक पूज्य गुरू जी ने सेवादारों को पास के खेतों में भेजा। सेवादार जैसे ही खेतों में पहुंचे तो सामने का नजारा देख हैरान रह गए। वहां जमीन पर एक छोटा सा पिल्ला लहूलुहान अवस्था में जोर-जोर से इस कदर चिल्ला रहा था जैसे कि मदद के लिए पुकार रहा हो। अब पूज्य गुरू जी ने उसकी पुकार सुन ली थी। सेवादार उसे तुरंत पूज्य गुरू जी के पास लेकर आए तो वह पिल्ला झट से पूज्य गुरू जी के पावन चरणों के पास जा पहुंचा। पूज्य गुरू जी ने बिना किसी देरी के तुरंत उस जख्मी पिल्ले का उपचार शुरू करवाकर उसकी जिंदगी बचा ली।
भारत देश में पक्षियों की 1250 प्रजातियां
- 14 ऐसी पक्षी प्रजातियां हैं, जो आज विलुप्तता की कगार पर
पूरे विश्व में पक्षियों की सर्वाधिक 1250 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं जिनमें से लगभग 500 प्रजातियों के पक्षी हरियाणा में पाए जाते हैं। कुल 176 ऐसे पक्षियों की प्रजातियां हैं, जो दुनिया में और कहीं पर भी देखने में नहीं मिलती। तेजी से बढ़ती जनसंख्या, वायु प्रदूषण व रहने के लिए अतिक्रमण जैसे हालात ने पक्षियों के रहने के स्थानों को तहस-नहस कर दिया है। एक अध्ययन में ये खुलासा हुआ है कि शहरों की सड़कों व फ्लैटों के किनारे लगे पेड़-पौधों पर घोंसला बनाने वाले ये जीव गाड़ियों के धुएं व शोर-शराबे के कारण अशांत रहते हैं और इसीलिए अब वहां से पलायन करने लगे हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार भारत की 14 ऐसी पक्षी प्रजातियां हैं, जो विलुप्तता की कगार पर हैं।
आप भी बन सकते हैं भागीदार
यदि आप भी डेरा सच्चा सौदा की पशु-पक्षी संरक्षण मुहिम का हिस्सा बनना चाहते हैं तो पूज्य गुरु जी के पावन वचनों अनुसार अपने घरों की छतों पर पेड़ों मिट्टी के परिंडे जरूर रखें और उसमें रोजाना पक्षियों के लिए दाने-पानी की व्यवस्था भी करें। इसके साथ ही सड़क पर भटक रहे गौवंश के लिए अपने घर के बाहर कोई टूटा हुआ ड्रम, पानी की टंकी आदि या कोई ऐसी बड़ी वस्तु रख दें और उसमें रोजाना पानी डालते रहें ताकि गली में विचरण करने वाले आवारा पशु अपनी प्यास बुझा सके। इसके अलावा गायों के लिए चारे का प्रबंध करें, घायल पशु का इलाज करवाएं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।