इटावा। उत्तर प्रदेश मे इटावा जिले की सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी के कुलपति प्रो.राजकुमार ने दावा किया है कि संस्थान में कोविड-19 की आयुर्वेदिक दवा पर शोध अंतिम मुकाम पर है और इसे जल्द सार्वजनिक किया जायेगा। जाने माने न्यूरोलाजिस्ट प्रो.राजकुमार ने कहा देश में कोविड-19 का पहला मामला आने के बाद से ही संस्थान ने एक टीम गठित कर इस पर अध्ययन शुरू कर दिया था कि कोरोना शरीर में किन-किन हिस्सों को प्रभावित करता है और इसके क्या क्या प्रभाव हो सकते है, जिसके कारण रोगी की मृत्यु हो सकती है।
इसके बाद उन दवाओं का अध्ययन करना शुरू किया जो प्रभावित अंगों पर काम करती है और उनको चिन्हित किया। उसके बाद चिन्हित दवाओं के बारे मे जानकारियां एकत्रित की। उन्होने कहा “ संस्थान में आये 103 रोगियों में से हमने 20 रोगी ऐसे चिन्हित किये जिनको हम वो दवायें दे सकते थे । रोगियों को दवा देने से पहले सभी औपचारिता पूर्ण करते हुए उनका इलाज आरम्भ किया और पांच से छह दिन वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो गये। पूर्ण रूप से आयुर्वेद पर आधारित औषधि के साथ कोरोना संक्रमितो को लेकर पायलट स्टडी की गई है।
अभी तक के नतीजे उत्साहवर्धक है। 20 संक्रमित मरीजों पर दवा का अध्ययन सफल भी हुआ है लेकिन कुछ समय अभी और इंतजार करना होगा क्योंकि जो रिर्चस पेपर तैयार हुए है उन पर कमेंट आ जायेगे उसके बाद सब कुछ करीब करीब फाइनल हो जायेगा।” चिकित्सक ने कहा “ हम इस शोध को बडे पैमाने पर करके इसके आंकड़ों का अध्ययन करेगें। शोध के तीसरे स्तर पर हम इसका रैन्डमाइज्ड प्रयोग करेगे। मतलब हम कुछ मरीजों को यह दवा देगें और कुछ को अन्य दवाओं के माध्यम से उपचारित करेगें और शोध के अन्तिम चरण के आंकड़ों और प्रभावों का अध्ययन करेगें।
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