जयपुर। Vaccination: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान एवं डवपमेंट पार्टनर यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को स्थानीय होटल हिल्टन में प्रदेश में अगस्त, सितम्बर एवं अक्टूबर माह में प्रति माह 6-6 दिन तक संचालित होने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 विषय पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। Vaccination
अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्रीमती प्रियंका गोस्वामी ने बताया कि सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से 5 वर्ष तक के छूटे व वंचित बच्चों को प्रतिरोधक टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया के सहयोग से तीन फेज में इस अभियान का संचालन कर निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण किया जाएगा। Vaccination
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि अगस्त माह में 7 से 12 अगस्त, सितम्बर में 11 से 16 एवं अक्टूबर माह में 9 से 14 तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना एक चुनौती जरूर है, लेकिन पारस्परिक सहयोग से लक्ष्यों को पूर्ण करने का हरसंभव प्रयास करते हैं।
यूनिसेफ राजस्थान की चीफ इसाबेल बर्डेन ने कहा कि ऐसे मिशन सरकारों के लिए एक कमिटमेंट की तरह होते हैं, जिन्हें एक कुशल प्रबंधन एवं सुदृढ़ कार्ययोजना का क्रियान्वयन कर प्राप्त किया जाता है। इसी प्रकार मिशन इंद्रधनुष व्यापकता के साथ प्रदेश के सभी जिलों में संचालित किया जाएगा।
परियोजना निदेशक टीकाकरण डॉ. रघुराज सिंह ने यू-विन ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में सेल्फ रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति घर बैठे टीकाकरण हेतु मां के आधार कार्ड को अपलोड कर अपने बच्चे का पंजीयन करा सकता है। फिर भारत के किसी भी कोने में निर्धारित टीके लगाए जाने की सुविधा का लाभ उठा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन राजस्थान से जुड़े डॉ. राकेश विश्कर्मा ने राजस्थान में मीजल्स रूबेला को एलिमिनेट करने के लिए रोडमैप को समझाते हुए छूट गए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने और वैक्सीनेट करने पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारी समझने की और जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
कार्यशाला में स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. देवेन्द्र सौंधी, यूनिसेफ की डॉ. मनीषा चावला, अंकुश सिंह ने प्रजेंटेशन के माध्यम से विचार व्यक्त किए। डॉ मनीषा चावला ने वैक्सीन से जुड़े मिथ और तथ्यों पर बात की। उन्होंने बताया कि वैक्सीन वर्षों की वैज्ञानिक शोध और कई चरणों के टेस्ट से तैयार होती है, यह पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। संचार विशेषज्ञ अंकुश सिंह ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में मीडिया की भूमिका पर बात की। उन्होंने बताया कि एक गलत सूचना और दुष्प्रचार के दौर में सही सूचना को सही जगह पर पहुचाना मीडिया की बड़ी जिम्मेदारी है।
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