साध-संगत द्वारा किए गए इस मानवता भलाई के कार्य की ग्रामीणों ने की भरपूर प्रशंसा
सच कहूँ/नरेन्द्र सिंह बठोई, पटियाला। जब आसमान में काले बादल मंडराने लगते तो भुपेन्द्र सिंह का दिल खस्ताहालत मकान की छत और दीवारों को देख सहम जाता। उसे हर समय अपने मकान की दयनीय हालत देखकर डर सताता रहता कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाये। इस बात का पता जब ब्लॉक बठोयी -डकाला की साध-संगत को चला तो समूह साध-संगत ने भुपेन्द्र सिंह को नया मकान बनाकर देने का बीड़ा उठाया और केवल दो दिनों में नया मकान बना तैयार कर दिया गया। इस संबंधी जानकारी देते जिम्मेदार 15 हरजिन्दर सिंह इन्सां, राम कुमार इन्सां ने बताया कि ब्लॉक बठोयी -डकाला अधीन आते गांव शेर माजरा का भुपेन्द्र सिंह जो कि बहुत ज्यादा गरीबी की हालत में जीवन बसर कर रहा था और इसके घर की हालत बहुत ज्यादा दयनीय बनी हुई थी।
मकान की दीवारें और छत गिरने को थी और किसी समय भी कोई भयानक हादसा घट सकता था, जिसेदेखते हुए गांव शेर माजरा के जिम्मेवारों ने ब्लॉक के जिम्मेवारों से बात की और विचार-विमर्श करने के बाद उक्त जरूरतमन्द परिवार की मदद करने का बीड़ा उठाया गया। इस मौके साध-संगत का सेवा करने का जज्बा काबिले तारीफ था, हर कोई एक-दूसरे से आगे बढ़ कर सेवा कर रहा था। साध-संगत गर्मी की परवाह किये बिना पूरे दो दिन सेवा कार्यों में जुटी रही और साध-संगत ने केवल दो दिनों में मकान बनाकर तैयार कर दिया। साध-संगत द्वारा किये जा रहे कार्य की समूह ग्रामीणों की तरफ से भरभूर प्रशंसा की गई और हर कोई कह रहा था आज के समय में जब इन्सान की अपनी, जरूरतें पूरी नहीं होती और वहीं साध-संगत का दूसरों की मदद के लिए आगे आना अपने आप में एक मिसाल है।
जिम्मेवारों ने बताया कि इस मकान को बनाने में अजयपाल इन्सां (कनाडा), खुशलीन कौर इन्सां (कनाडा) और ब्लॉक की समूह साध-संगत ने भरपूर सहयोग दिया। इस मौके 15 मैंबर ईसर इन्सां, करमजीत सिंह, यशवंत इन्सां, विजय इन्सां, सतनाम सिंह फौजी, सुखविन्दर सिंह फौजी, सतपाल सिंह भंगीदास, कुलविन्दर इन्सां, गुरजंट इन्सां, हरभजन इन्सां, लखवीर इन्सां, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार, अलग-अलग समितियों के सेवादार, सुजान बहनें, गांवों के भंगीदास और बड़ी संख्या में साध-संगत उपस्थित थी।
मकान बनाने का सपना साध-संगत ने किया पूरा : भुपेन्द्र सिंह
भुपेन्द्र सिंह ने कहा कि उसका पक्का मकान बनाने का सपना साध-संगत ने आज पूरा कर दिया है। उसने कहा कि उसे हर समय अपने मकान के गिरने का डर सता रहा था और डर लगा रहता था कि कहीं कोई असुखद घटना न घट जाये परन्तु साध-संगत ने केवल दो दिनों में ही उसके कई सालों के डर को खत्म कर दिया है। धन्य है साध-संगत का जज्बा।
धन्य हैं पूज्य गुरू जी, जो दूसरों की मदद करने की देते हैं शिक्षा : सरपंच
गांव के सरपंच सुखविन्दर सिंह ने साध-संगत द्वारा किये जा रहे कार्य की खूब प्रशंसा की और कहा कि धन्य हैं पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जो साध-संगत को दूसरों की मदद करने की शिक्षा दे रहे हैं। साध-संगत की जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है।
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