श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। ‘‘भाव बिना नहिं भक्ति जग, भक्ति बिना नहीं भाव, भक्ति भाव एक रूप हैं, दोऊ एक सुभाव।’’ अर्थात् भाव यानि प्रेम बिना भक्ति नहीं होती, भक्ति बिना भाव यानि प्रेम नहीं होता। भाव और भक्ति एक ही रूप के दो नाम हैं, क्योंकि दोनों का स्वभाव एक ही है। ये पंक्तियां डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं पर बिल्कुल स्टीक बैठती हैं।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आगमन (Arrival of Revered Guru ji) को लेकर डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु हर्षित है। कहीं दीप मालाओं तो कहीं राम-नाम के निरंतर सुमिरन (अखंड सुमिरन) से ये अनुयायी सतगुरु के प्रति अपने अगाध प्रेम-भाव को व्यक्त कर रहे हैं। इसी क्रम में श्रीगंगानगर (राजस्थान) की साध-संगत ने अपने घरों और नामचर्चा घर को दीप मालाओं से भव्य सजावट करके अपने हृदयों की प्रसन्नता को व्यक्त किया।
ट्रयू सॉल कॉम्पलेक्स में घी के दीप जलाकर मनाई खुशी
सरसा। सच्चे रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आगमान (Arrival of Revered Guru ji) का समाचार जब से डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों को मिला है, तब से उनकी खुशियों का ठिकाना नहीं है। साध-संगत अपने-अपने घरों पर देसी घी के दीये, मोमबत्तियां जलाकर खुशियां मना रही है इसी कड़ी में ट्रयू सॉल कॉम्पलेक्स में घी के दीप जलाकर खुशी मनाई।
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