हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत पर 6 जनवरी को होगी बहस
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब सरकार द्वारा पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के खिलाफ जारी किए प्रोडक्शन वारंट के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब सरकार की दलीलों से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सहमत नहीं हुआ। उधर पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वकीलों ने पहले ही जमानत याचिका भी दायर की हुई है, क्योंकि पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की मंशा पर संदेह जाहिर किया गया है। इस पर पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल पटवालिया ने गिरफ्तार करने संबंधी दलील रखी तो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि यदि गिरफ्तारी वारंट के लिए निचली अदालत में जाने के लिए कहा जाता है, तब याचिककर्ता द्वारा पहले ही दायर की गई जमानत याचिका का निपटारा नहीं हो सकता है और उन्हें इस मामले में राहत लेने का पूरा अधिकार है।
हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार हाईकोर्ट को नहीं है और इसीलिए यदि पंजाब सरकार निचली अदालत के पास जाती है तो पहले याचिककर्ता की जमानत पर सुनवाई करनी बनती है और इसके साथ ही उन्हें निचली अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद कम-से-कम सात दिन तक का समय मिलना बनता है ताकि ऊपरी अदालतों में जाकर राहत लेने अधिकार बरकरार रहे।
जिसके बाद पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया द्वारा सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के लिए अगली तारीख की मांग की तो हाईकोर्ट ने मामले की कार्रवाई छह जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की तरफ से हाईकोर्ट में दिल्ली से सीनियर एडवोकेट आर. वेंकट रमन और चंडीगढ़ से सीनियर एडवोकेट विनोद घई, वकील कणिका अहुजा, वकील गुरदास सिंह सलवारा और वकील हरीश छाबड़ा भी उपस्थित थे।
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