एडवोकेट विनोद मोंगा ने पुलिस के आरोपों को सिरे से किया खारिज
सच कहूँ न्यूज फरीदकोट। बेअदबी के मामलों में पंजाब पुलिस की एसआईटी की ओर से एफआईआर नंबर 128 में गिरफ्तार 6 डेरा श्रद्धालुओं को सोमवार को फरीदकोट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने पुलिस द्वारा सात दिन की हिरासत मांगने पर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। अब 21 मई को इन्हें दोबारा अदालत में पेश किया जाएगा।
अदालत की कार्रवाई के बाद डेरा श्रद्धालुओं के वकील एडवोकेट बसन्त सिंह सिद्धू व एडवोकेट विनोद मोंगा ने कहा कि श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी की बेअदबी मामले में जिन डेरा श्रद्धालुओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नहीं, पुलिस द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस डेरा श्रद्धालुओं के जो इकबालिया बयानों की बात कर रही है, वह पुलिस ने जबरदस्ती लिखवाए हैं। यह तो पंजाब पुलिस का तरीका ही बना हुआ है कि पुलिस राजनीतिक इशारों पर ऐसे ही काम कर रही है।
एडवोकेट मोंगा ने कहा कि इस मामले में सीबीआई द्वारा की गई जांच में शक्ति सिंह व सुखजिन्द्र सिंह सन्नी दो डेरा श्रद्धालुओं को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अपनी जांच में 7-8 वैज्ञानिक टैस्ट भी किए थे, जिसमें डेरा श्रद्धालु आरोप मुक्त करार दिए गए थे व सीबीआई ने डेरा श्रद्धालुओं को क्लीन चिट देते हुए मोहाली अदालत में जांच रिपोर्ट भी सौंप दी थी। उन्होंने कहा कि भले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की दोबारा जांच पंजाब पुलिस को सौंप दी थी लेकिन हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई की रिपोर्ट रद्द नहीं की गई।
एडवोकेट मोंगा ने कहा कि उक्त सारा मामला राजनीति से प्रेरित है व बिना वजह डेरा श्रद्धालुओं को इसमें फंसाया जा रहा है। पुलिस द्वारा बरामदगी के नाम पर ली गई हिरासत संबंधी उन्होंने कहा कि यह मामला 2015 का है व अभी तक पुलिस 6 सालों में कुछ भी बरामद नहीं कर पाई है व अब कहां से कुछ बरामद कर पाएगी? यह तो बिना वजह डेरा श्रद्धालुओं को परेशान किया जा रहा है, और कुछ नहीं।
बताया जाता है कि विगत रविवार को पंजाब पुलिस की स्पैशल टीम ने 6 डेरा श्रद्धालुओं को बेअदबी के मामले में गिरफ्तार किया था, जिनमें सुखजिन्द्र सिंह सन्नी, शक्ति सिंह, बलजीत सिंह, प्रदीप सिंह, निशान सिंह व रणजीत सिंह शामिल थे।
सभी धर्मोें का करते हैं सत्कार : हरचरन इन्सां
45 मैंबर हरचरन सिंह इन्सां ने कहा कि डेरा श्रद्धालुओं को बेवजह परेशान किया जा रहा है। डेरा श्रद्धालु सभी धर्मों का सत्कार करते हैं व हमें डेरा सच्चा सौदा से भी यही शिक्षा मिली है। डेरा श्रद्धालु ऐसे काम के बारे में सोच भी नहीं सकते, करना तो बहुत ही दूर की बात है।
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