हमारे लिए हर मरीज की जान है मूल्यवान
चिकित्सकों के अनुसार यह उनको भगवान का दिया एक अवसर है। चिकित्सकों ने आमजन से कोरोना से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की है
कोरोना से जंग: हीरो मोटोकॉर्प ने बनाई बाइक एम्बुलेंस
गुरुग्राम स्थित होरो मोटो कॉर्प कंपनी द्वारा दी जाएंगी इस तरह की बाइक एम्बुलेंस
हरियाणा में दो हजार से ज्यादा लोगों की अस्थियां प्रवाहित होने के इंतजार में
प्रदेश के सभी जिलों में स्थित शमशान घाटों में मृतकों की अस्थियां कलशों में रखी हैं और मृतकों के परिजन लॉकडाउन हटने के इंतजार में हैं।
कोरोना संकट में देश का पेट भर रहा हरियाणा
उनका एक ही मंतव्य है कि देश में कोई भूखे पेट न सोए, इसके लिए दिन-रात एक करते हुए रोजाना रेल गाड़ियों को हरियाणा से रवाना किया जा रहा है।
केबल टीवी पर होगी बच्चों की पढ़ाई, 500 रोडवेज बसों को बनाया मोबाइल डिस्पैंसरी
प्रदेश में कोरोना संकट के बीच सामान्य मरीजों के लिए 500 मोबाइल डिस्पैंसरियां चलाई जाएंगी, हर साल शैक्षणिक स्तर की शुरूआत एक अप्रैल से होती है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरा देश लॉकडाउन में है।
कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 1% , ठीक होने की दर 14%
हरियाणा में कोरोना : मौत का आंकड़ा 1 फीसद है, जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 14 फीसदी को पार कर रही है।
हर तीसरे गाँव पर बनेगा खरीद सेंटर, गांवों से खुद गेहूं को उठाएगी सरकार
हरियाणा सरकार: ऐसे में सरकार को सिर्फ ट्रकों को ही सड़कों पर चलने की इजाजत देनी पड़ेगी, अन्यथा सभी किसानों को हर तरह की साधनों की इजाजत देनी पड़ती।
चिंताजनक : कोरोना के चलते आमजन के साथ-साथ जीव-जंतुओं की बढ़ी मुश्किलें
संकट में हरियाणा के गोवंश, चारे को तरसे
प्रदेश भर में बनी समस्या, सरकार भी बेबस
चंडीगढ़(अश्वनी चावला/सच कहूँ)। कोरोना को लेकर लॉकडाउन के चलते अब हरियाणा में गोवंश संकट में आ गया है। सरकार व समाज सेवी संस्थाओं की मदद से इस मुश्किल घड़ी में इंसान...
उमंग व खुशी ने घर-घर दिए सेनिटाईजर
कुरुक्षेत्र(सच कहूँ न्यूज)। उमंग समाजसेवी संस्था व खुशी उन्नति केंद्र द्वारा गांव झंडौला में घर-घर जाकर सैनिटाईजर वितरीत किए। इसके अलावा संस्था के सदस्यों ने बाबैन में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों व गांवों में नाकों पर तैनात ग्रामीणों को भी सैनिटाई...
जानें, भीलवाड़ा ने कोरोना वायरस को कैसे पाया काबू
भीलवाड़ा में लाकडाउन की सख्ती से पालना, कर्फ्यू, महाकर्फ्यू एवं समय पर जिले की सीमाएं सील कर दी गईं। यह तरीका कारगर रहा और इससे संदिग्ध मरीजों की पहचान एवं परीक्षण के बाद अस्पताल में उन्हें भर्ती एवं क्वारंटाइन करके इस महामारी को फैलने से रोकने में सफलता मिली है।