सम्मेलन में आदर्श दंपति बताएंगे परिवार नियोजन के लाभ
- जिले में 18 से 31 जनवरी तक होंगे सास-बेटा- बहू सम्मेलन
गाजियाबाद। (सच कहूँ न्यूज) अब तक केवल मिशन परिवार विकास कार्यक्रम से आच्छादित जिलों में किए जा रहे सास-बेटा- बहू सम्मेलन अब सूबे के सभी जिलों में होंगे। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशनउत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
गजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि गाजियाबाद जिले में 18 से 31 जनवरी तक सास-बेटा-बहू सम्मेलन पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। उप- केंद्र स्तर पर होने वाले इस आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। पखवाड़े का आयोजन ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में एएनएम और आशा कार्यकर्ता संयुक्त रूप से करेंगी।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया
इस आयोजन का उद्देश्य है कि परिवार नियोजन के बारे में सभी एक मंच पर बात कर सकें। प्रजनन स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन जरूरी है, यह संदेश घर-घर जा सके। आयोजन के माध्यम से सास और बहू के बीच संवाद बेहतर कर प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति पुरानी सोच, उनके व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव लाया जा सके।
सीएमओ ने बताया कि सास-बेटा-बहू सम्मेलन में एक वर्ष के दौरान नव विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती, परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाने वाले दंपति, तीन या उससे ज्यादा बच्चों वाले दंपति, ऐसे आदर्श दंपति जिनका पहला बच्चा विवाह के दो वर्ष बाद हुआ हो दूसरे बच्चे में कम से कम तीन वर्ष का अंतराल हो। आदर्श दंपति सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे। दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने वाले और कोई साधन न अपनाने वाले दंपति भी कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे।
सम्मेलन में पति यह शपथ लेगा
सास-बेटा-बहू – सम्मेलन में बेटा (बहू का पति) यह शपथ लेगा कि “ मैं एक जिम्मेदार पति एवं पिता होने के नाते शपथ लेता हूं कि अपनी पत्नी के मान – सम्मान की रक्षा करूंगा एवं अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य एवं भविष्य के लिए लगातार प्रयासरत रहूंगा। मैं अपने बच्चों कीके बेहतर शिक्षा एवं लालन- पालन का पूरा ध्यान रखूंगा। परिवार को छोटा रखने एवं मां-बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मैं परिवार नियोजन के साधनों का नियमित उपयोग करूंगा। साथ ही अपने दोस्तों और परिचितों को भी परिवार नियोजन साधन अपनाने के लिए प्रेरित करूंगा। मैं अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तथा गांव की आशा बहन से परामर्श, जानकारी एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्राप्त करता रहूंगा।”
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