ग्रामीण बुजुर्ग ने सीएम विंडो की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

functioning of CM Window sachkahoon

दो बार शिकायत देने के बाद भी नहीं हुआ समाधान

  • न्याय के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहा बुजुर्ग

पिल्लुखेड़ा। समस्याओं के समाधान के लिए बनाई सीएम विंडो पर आजकल सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दो बार शिकायत देने के बाद भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है। एक ऐसा ही मामला गांव कालवा में देखने को मिला, जहांं पर न्याय के लिए एक बुजुर्ग पंचकुला और गुरूग्राम के चक्कर काट रहा है। समाधान नहीं हुआ तो सोचा कि सीएम विंडो पर शिकायत देने से शायद समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन वहां से भी दो बार शिकायत देने के बावजूद भी कोई समाधान नहीं हुआ।

कालवा गांव निवासी भरत सिंह ने बताया कि उसका गुरूग्राम में बीपीएल स्कीम के तहत हाऊसिंग बोर्ड में 13 मई 2021 को फ्लैट मंजूर हुआ था। फ्लैट की दो किश्तें भी भरी जा चुकी हैं। दोनों किस्तों में एक लाख 17 हजार रुपये जा चुके हैं। लेकिन अंतिम किश्त के समय हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि उसका पोर्टल पर नंबर ही नहीं है तो उसके पैरो तले की जमीन खिसक गई। कई बार उसने पोर्टल पर नंबर पंजीकरण के लिए गुरूग्राम और पंचकुला के भी चक्कर काटे, लेकिन कोरी निराशा ही हाथ लगी। अंत में हार कर भरत सिंह ने इसकी शिकायत 31 अगस्त को लगाई। डेढ़ माह तक उसका कोई जवाब नहीं मिला तो उसने दूसरी सीएम विंडों 11 अक्तूबर को फिर लगाई, लेकिन अब भी डेढ़ माह बीतने को हैं। उसका भी अब तक कोई जवाब नहीं आया है। अब भरत सिंह के पास 11 नंवबर को फ्लैट के कैंसिल होने का लैटर आया है, जिसमें लिखा गया है कि अब उसे जमा किश्तों का भी 50 प्रतिशत ही मिलेगा। ऐसे में भरत सिंह को दोहरा नुकसान हो रहा है। एक ओर तो उसे फ्लैट नहीं मिला। दूसरी ओर उसकी जमा किश्तें भी आधी मिलेंगी। भरत सिंह ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।

प्रदेश के लोगों को शिकायतों के लिए चंडीगढ़ न भटकना पड़े, इसलिए सीएम विंडो बनाई थी ताकि समस्याओं समाधान हो सके। लेकिन कुछ अधिकारी अपने कार्यालयों के ही सीएम विंडों की शिकायतों को दबाए रखते हैं जोकि अधिकारियों के काम के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।

रामदास प्रजापति, सीएम विंडों निवारण कमेटी सदस्य।