Rupee Rises: डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, 6 वर्षों की सबसे बड़ी तेजी

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Rupee Rises: डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, 6 वर्षों की सबसे बड़ी तेजी

Rupee Rises: नई दिल्ली। भारतीय रुपये में तेजी का रुख बना हुआ है, जोकि डॉलर के मुकाबले मार्च में अब तक 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है। यह नवंबर 2018 के बाद स्वदेशी मुद्रा का अब तक का सबसे अच्छा मासिक प्रदर्शन है। रुपये में तेजी की वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी करना और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी को माना जा रहा है। Rupee News

डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड लो 87.95 पर

फरवरी में वैश्विक अस्थिरता और डॉलर इंडेक्स के मजबूत होने के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड लो 87.95 पर पहुंच गया था। तब से रुपये में एक मजबूत रिकवरी देखने को मिली है। मौजूदा समय में, डॉलर के मुकाबले रुपया 85.58 पर है। रुपये में तेजी की वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी करना है। गुरुवार के कारोबारी सत्र में एफपीआई ने करीब 1.2 अरब डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी बाजार में किया। वहीं, बीते छह कारोबारी सत्र में एफपीआई 6 अरब डॉलर से अधिक की इक्विटी खरीद चुके हैं। इसके अलावा, अप्रैल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में कमी की संभावना के कारण देश के बॉन्ड मार्केट में भी बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक निवेश कर रहे हैं।

अब तक मार्च में भारतीय बॉन्ड्स में 3 अरब डॉलर से ज्यादा का प्रवाह आ चुका है। रुपये में तेजी की एक वजह दुनिया की बड़ी करेंसी के खिलाफ अमेरिकी मुद्रा की मजबूती दर्शाने वाले डॉलर इंडेक्स में कमजोरी आना है, जो अब गिरकर 104 पर आ गया है। फरवरी में यह 108 के करीब था। डॉलर इंडेक्स में कमजोरी का कारण अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दर में कटौती के संकेत देना है। आखिरी फेड बैठक में जारी बयान में कहा गया कि इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि जब भी अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होती है तो डॉलर दुनिया की अन्य बड़ी मुद्राओं के खिलाफ कमजोर होता है। Rupee News

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