पांच हजार से अधिक निजी विद्यालयों ने नहीं दी खाली सीटों की सूचना
सच कहूँ/इन्द्रवेश, भिवानी। प्रदेश भर के निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिला देने में प्राइवेट स्कूल हिचक रहे हैं। यही वजह है कि अब तक प्रदेश भर के 3459 निजी स्कूलों ने 98952 खाली सीटें दर्शायी हैं। जबकि पांच हजार से अधिक निजी विद्यालयों ने नियम 134ए के दाखिला के लिए खाली सीटों से जुड़ी कोई जानकारी शिक्षा निदेशालय को नहीं दी है। 18 से 22 अक्तूबर तक प्रदेशभर के निजी स्कूलों द्वारा दर्शायी गई खाली सीटों की वेरिफिकेशन की जानी हैं, मगर अभी तक आधे से भी कम निजी विद्यालयों सूचना विभाग के पास आई है।
सूचना देने में की जा रही आनाकानी
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश भर के 8600 निजी स्कूलों में करीब ढाई लाख गरीब बच्चों के दाखिला के लिए कक्षा दूसरी से बारहवीं तक सीटें खाली पड़ी हैं। मगर निजी विद्यालय गरीब बच्चों को दाखिला देना तो दूर शिक्षा विभाग को सही सूचना तक नहीं दे रहे हैं। उन्होंने शिक्षा निदेशालय से खाली सीटों की सूचना नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 व संशोधित नियमावली 2013 के तहत मान्यता रद्द किए जाने की कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
स्कूलों ने नहीं दिखाई कोई वैकेंसी
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि सोमवार से खाली सीटों की शिक्षा विभाग वेरिफिकेशन करने जा रहा हैं। मगर अभी तक सभी निजी स्कूलों ने वैकेंसी तक नहीं दर्शायी हैं। जिससे गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के अधिकार का भी हनन हो रहा है। 24 अक्तूबर से 7 नवंबर तक दाखिला के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जाने हैं। 11 नवंबर को पात्र गरीब बच्चों की सूची तैयार किए जाने और 14 नवंबर को असेसमेंट टेस्ट का शेड्यूल निर्धारित है। 19 नवंबर तक रिजल्ट तैयार होगा और 24 नवंबर को पहला दाखिला ड्रा निकाला जाएगा। जिसके बाद 26 नवंबर से 8 दिसंबर तक दाखिले होने हैं।
बच्चों के दस्तावेजों का होगा वेरीफिकेशन
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि नियम 134ए के तहत पात्र बच्चों के दाखिला के लिए बच्चे व अभिभावक का आधार कार्ड, बच्चे के जन्म का प्रमाण, रिहायशी प्रमाण, आय प्रमाण एवं बीपीएल का राशन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज हैं। ऑनलाइन दाखिला में सिर्फ सूचनाएं भरनी हैं, लेकिन बच्चे को अलॉट हुए स्कूल में ये दस्तावेज फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान पेश करने होंगे। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का असेसमेंट टेस्ट नहीं होगा। उनकी मेरिट लिस्ट शिक्षा विभाग अलग से तिमाही असेसमेंट के हिसाब से तैयार करेगा।
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