पूज्य गुरु जी द्वारा बताए तरीकों से की जाती है ‘रूही’ की देखभाल | Tallest Horse
Edited By Vijay Sharma
सरसा (Sach Kahoon)। दुनिया में आज एक मां-बाप के लिए उसकी संतान को अच्छी शिक्षा व संस्कार देकर श्रवण जैसा बेटा व एक जिम्मेवार इंसान बनाना उतना ही मुश्किल है जितना की एक किसान के लिए बंजर जमीन से अन्न पैदा करना। लेकिन हम ये कहें कि एक संत ऐसा भी है जिसने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 6 करोड़ लोगों को बुराईयां छुड़वाकर ‘इन्सां’ तो बनाया ही साथ ही बेजुबान पशु-पक्षियों की संभाल करते हुए उन्हें इतना प्यार व स्नेह दिया कि वो भी आज लाखों लोगों के दिलों पर राज करते हैं।
- हम बात कर रहे हैं डेरा सच्चा सौदा के संत डॉ. एमएसजी की।
- जिन्हें पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के नाम से भी पूरा विश्व जानता है।
डॉ. एमएसजी पशु-पक्षियों से कितना प्यार करते हैं इस बात का अंदाजा आप हरियाणा के जिला सरसा में बने डेरा सच्चा सौदा के स्वागत गेट से ही लगा सकते हैं। जिस पर बने पक्षियों की मनमोहक आकृति लोगों को ये संदेश देती है कि ‘‘प्यास से मरते पशु-पक्षियों के लिए हर इंसान रोजाना पानी-चोंगे की व्यवस्था करें’’।पूज्य गुरु जी के इसी पशु प्रेम व मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा के घोड़ा फार्म में पल रही नुकरी ब्रीड की घोड़ी ‘रूही’ के आज लाखों कदरदान है। घोड़ों के चाहवान जब इस सफेद रंग की ‘रूही’ की मनमोहक खूबसूरती को देखते हैं तो दंग रह जाते हैं। बता दें कि ‘रूही’ देश की सबसे ऊंची घोड़ियों में से एक है। इसके साथ ही मारवाड़ी घोड़ा ‘रोमियो’ को भी चाहने वालों की लंबी कतार है।
पूज्य गुरु जी स्वयं बनाते थे ‘रूही’ के खाने व पालन पोषण का शेड्यूल | Tallest Horse
डेरा सच्चा सौदा, सरसा के घोड़ा फार्म के अश्व पालक तेजिन्द्र सिंह इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा स्वयं नुकरी ब्रीड ‘रूही’ व मारवाड़ी घोड़ा ‘रोमियो’ के खाने व पालन पोषण का शैड्यूल बनाया गया है।पूज्य गुरु जी के मार्गदर्शन के अनुसार ही इनकी देखभाल की जाती है। ‘रूही’ को नाश्ते में अंकुरित चने और जौ का दलिया दिया जाता है और इसके बाद वॉक करवाई जाती है। फिर उसे गेहूँ का चोकर, सोयाबीन व बाजरे का दलिया दिया जाता है। दोपहर में हरा चारा दिया जाता है और मालिश की जाती है। इसके बाद उबले हुए मोठ, देसी घी, देसी शक्कर की डाइट, मूंगफली का चारा और शाम को हरा चारा, दाना और हल्दी मिला दूध के साथ-साथ 15 से 18 ग्राम काली जीरी खिलाई जाती है।
अश्व मेलों में देखने वालों की लग जाती है कतार, लाखों है खरीददार | Tallest Horse
मात्र 3 साल की उम्र में 69 इंच की ऊंचाई को छूने वाली ‘रूही’ व 64 र्इंच से ज्यादा की ऊंचाई वाले ‘रोमियो’ की जब किसी भी अश्व मेले में एंट्री होती है तो देखने वाले दर्शकों की भीड़ जमा हो जाती है। मेले में जहां दोनों की खूबसूरती देख सब दंग रह जाते हैं वहीं इनका कद सबको हैरान कर डालता है। गत दिनों भी जब महाराणा प्रताप घोड़ा पालक समिति द्वारा श्रीगंगानगर में अश्व मेले का आयोजन किया गया तो उसमें ‘रूही’ और ‘रोमियो’ के लाखों खरीददार थे।
- तेजिन्द्र सिंह ने बताया कि यह सब पूज्य गुरु जी द्वारा दिए गए टिप्स व मार्गदर्शन का नतीजा है।
- जिसकी बदौलत ‘रूही’ और ‘रोमियों’ अपनी एक अलग पहचान बनाएं हुए हैं।
- तेजिन्द्र सिंह ने बताया कि उनका मकसद ब्रीडिंग के जरिए घोड़ी की बेहतरीन क्वालिटी पैदा करना है।
तेजिन्द्र सिंह इन्सां : 85299-90909
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