फिर पूज्य गुरु जी ने कर दिए बड़े वचन…
बरनावा (सोनू)। पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने वीरवार को (ruhani satsang) उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से देश-विदेश में बैठी साध-संगत को अपने अनमोल वचनों से सरोबार किया। साथ में इस दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को पानी के खत्म होते स्रोत को बचाने का प्रण दिलाया और पानी बचाने के लिए एक मुहिम या आंदोलन चलाने का आह्वान किया। इस अवसर पर राजस्थान के हनुमानगढ़, पंजाब के सुनाम व उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हजारों लोगों को सामाजिक बुराईयों व नशों से छुटकारा दिलाते हुए उन्हें गुरुमंत्र दिया। इस दौरान जब पूज्य गुरु जी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में आॅनलाइन साध-संगत से रूबरू हो रहे थे तो एक बहन ने पूज्य गुरु जी से विनती की कि मेरा पति की शराब छुड़वा दो। फिर क्या था पूज्य गुरु जी ने बड़े वचन कर दिए आईयें वीडियो में देखते हैं ये वाक्या…..
खुद के लिए भी समय निकालो
पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि यह जन्म अनमोल मिला है, इसका लाभ उठाएं और साथ-साथ ‘‘ओ बन्दे गा राम गुण गा, ये जीवन सफल बना।’’ राम-नाम का जाप करते रहो। उससे शक्ति आती है, भले काम करने की, वरना आज किसको फुर्सत है जो भलाई के बारे में सोचे। किसके पास समय है जो दूसरों की भलाई के बारे में सोचने के लिए समय दे, समय तो भगवान को नहीं दे रहा, जो कि खुद का भला करेगा। तो पहले आप अपने लिए समय देना शुरू करें। कभी सोचा है आपने 24 घंटे, क्या 10 मिनट कभी एकांत में अपने लिए समय दिया है। बहुत कम लोग हैं जो सिर्फ और सिर्फ अपने लिए टाइम देते हैं, यानि उस 10 मिनट में सोचो कि कौन सी आप में अच्छी आदतें हैं, कौन सी आप में बुरी आदतें हैं, कौन से आप अच्छे कर्म कर रहे हैं, कौन से आप बुरे कर्म कर रहे हैं, कौन से बिजनेस कर रहे हैं, उसमें किसी वजह से आपको घाटा पड़ रहा है और किस वजह से मुनाफा आ रहा है, और सबसे बड़ी चीज ये सोचो कि क्या आप सेहतमंद हैं, क्या आप वैसा ही रहेंगे। हर आदमी का शरीर डॉक्टर है, हर आदमी का शरीर वैद्य है, लेकिन उसकी सुनते नहीं हैं। तो 10 मिनट दीजिये और अपने शरीर की सुनिए।
मोटापे से बचने की सलाह
पीछे से हमने यह सुना था कि गाड़ी में एयरबैग शायद जरूरी हो गया है। वो गाड़ियों के लिए हुआ है, आपके लिए नहीं। आप नहीं समझेंगे। ये जो आप एयरबैग (मोटी तोंद) बना लेते हैं, वो साइडों में निकल आते हैं, एक बड़ा एयरबैग बैलून (मोटी तोंद) आगे होता है, चला जाता नहीं, हाँफते रहते हैं। तो ये एयरबैग मत बढ़ाओ, कइयों के हमने तो सात-सात एयरबैग भी देखे हैं, जो गाड़ियों में भी नहीं होते, उनको बड़ी मुश्किल से कम करवाया। तो आप समझने वाले समझ गए होंगे, मोटापा। अलग-अलग तरह से बेढंगे से हो जाते हैं और फिर हाँफते हैं।
बच्चों की सेहत को लेकर रहें सजग
पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि छोटे-छोटे बच्चों को देखा हमने। माँ के बेटों से फोन का कुछ भी पूछ लो, बड़ों को अकल नहीं होती, जितनी उनको है, पर शरीर कागजी पहलवान। हमारे जैसा या कोई पहलवान उंगली से छू ले तो काफी अंदर तक चली जाए। इतने थुलथुल, इधर लुढ़के तो एक लोथड़ा सा इधर लुढ़क गया, उधर लुढ़के तो लोथड़ा उधर लुढ़क गया। क्या करोगे आने वाले समाज में। हमारी पीढ़ी को क्या होता जा रहा है ये? सारा दिन फोन, वह एक भजन बनाया हमने ‘‘चैट पे चैट दिन रात चैट, वीडियो गेम, खेले दिन-रात बैठ-बैठ, बढ़ गया मोटापा फिर बन गए एलीफैंट, बहुत सारे बच्चे बन गए रैट’’, यह हमें याद आ गया, क्योंकि जो 800 भजन हमने बनाए हैं, उन्हीं में से एक भजन है, कि या तो एलीफैंट बन जाते हैं या फिर चूहे जैसे बन जाते हैं। और आँखों पे चढ़ जाते हैं मोटे-मोटे कैप। देखा नहीं छोटे बच्चों को अब उनके चश्मा लगा होता है। हमने उनका चश्मा उठाकर देखा चक्कर घिन्नी बंधी हुई थी, पता ही न चले कि यह क्या हो रहा है। क्योंकि इतना मोटा लैंस, पता नहीं सात-आठ नंबर।
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