अधिकारियों की तंग-दिली का शिकार आरटीआई एक्ट, नहीं मिल रही जानकारी

RTI, Officials, Negligence, Making ACT Weak

हर सरकारी विभाग जानकारी देने से कर रहा साफ इन्कार

चंडीगढ़(अशवनी चावला)। पंजाब के सरकारी आधिकारियों की तंग दिली का शिकार आरटीआई एक्ट हो रहा है, पंजाब के सभी विभाग पहली बार में जानकारी देने की जगह पर कोई न कोई बहाना लगाते हुए जानकारी देने से साफ इन्कार करने में लगे हुए हैं, जिस कारण पंजाबियों को एक्ट के अंतर्गत जानकारी लेने के लिए चंडीगढ़ में स्थित सूचना आयोग के पास जाना पड़ रहा है।

एक्ट के अंतर्गत जानकारी नहीं देने के कारण रोजमर्रा की
हो रही 20 से 22 शिकायतें

पिछले 2-3 सालों से सरकारी विभागों द्वारा जानकारी नहीं देने की रिवायत चलाने के कारण आयोग के पास शिकायतों का अंबार लग गया है। सूचना अधिकार आयोग के पास रोजमर्रा की 20 से 22 शिकायतें आ रही हैं और साल में यह संख्या 7 हजार तक पहुंच रही है। जानकारी अनुसार केंद्र सरकार द्वारा 2005 में सूचना अधिकार एक्ट पास करते हुए देश के हर नागरिक को सूचना लेने का अधिकार तो दे दिया गया था परंतु इस एक्ट के अंतर्गत आज भी पंजाब के लोगों को सरकारी बाबूओं द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है।

आयोग के पास लगा शिकायतों का अंबार, 2-2 माह
बाद आता है नम्बर

पंजाब में कोई भी सरकारी विभाग ऐसा नहीं है, जिसके खिलाफ सूचना नहीं देने के कारण चंडीगढ़ में स्थित पंजाब राज सूचना अधिकार आयोग के पास शिकायत न की गई हो। पिछले दो सालों से सरकारी बाबूओं द्वारा जानकारी नहीं देने के कारण रोजमर्रा की ही आयोग को 20 से 22 शिकायतें मिल रही हैं। जो कि साल के अंत तक शिकायतों की संख्या 7हजार से भी अधिक पहुंच रही है। सूचना आयोग में शिकायतों के लग रहे अंबार के कारण शिकायतकर्त्ता को भी मामले की सुनवाई के लिए तारीख भी 2-2 महीने तक की मिल रही है।

जुर्माना लगने के बावजूद भी अड़ियल रवैया अपना रहे अधिकारी

पंजाब राज सूचना आयोग द्वारा सरकारी बाबूओं के खिलाफ सख़्ती करते हुए 25 -25 हजार तक का जुर्माना लगाया गया है परन्तु सरकारी बाबूओं पर जूंतक नहीं सरक रही है व उनकी तरफ से जानकारी नहीं देने वाला अड़ियल रवैया अपनाया जा रहा है। सूचना आयोग द्वारा पिछले साल 2017-18 दौरान सूचना आयोग द्वारा 30 के लगभग सरकारी बाबूओं को 4 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना किया जा चुका है।

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