जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान की राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर अपनी मांगों को लेकर बाड़मेर जिले के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा द्वारा दिया जा रहा धरना सरकार के साथ पांच लाख की आर्थिक सहायता, संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति देने एवं मामले की एसओजी से जांच कराने पर बनी सहमति के बाद शुक्रवार शाम समाप्त हो गया। गोदारा ने गत 11 मार्च से शहीद स्मारक पर धरना शुरू किया और बाद में राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी (रालोपा) भी उनके समर्थन में आ गई और रालोपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक पुखराज गर्ग, विधायक नारायण बेनीवाल एवं विधायक इंदिरा देवी बावरी धरने में भाग लेकर सरकार पर दबाव बनाया। नारायण बेनीवाल ने कहा कि आखिर संघर्ष के आगे शासन को भी वाजिब मांगों पर सहमति देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि रालोपा सदैव अन्याय के विरुद्ध सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष कर रही है और करती रहेगी।
मांगों पर बनी सहमति
उन्होंने बताया कि धरनास्थल पर सरकार के प्रतिनिधियों और रालोपा के तीनों विधायकों, पदाधिकारियों और अमराराम के परिवार के साथ चली लम्बी बातचीत के बाद इन मांगो पर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त करने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी उनमें सरकार पांच लाख की आर्थिक सहायता देगी और अमराराम को संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति भी दी जायेगी। अमराराम के सम्पूर्ण इलाज का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। इसके अलावा अमराराम के साथ हुए घटनाक्रम की एसओजी जांच करेगी। उन्होंने बताया कि रालोपा संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के निदेर्शानुसार रालोपा की तरफ से भी अमराराम को पांच लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने भी धरनास्थल पर पहुंचकर वार्ता की थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। धरने में रालोपा संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी भाग लिया था। बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना इलाके में बदमाशों ने गत 21 दिसम्बर को अमराराम पर हमलाकर उन्हेंं गंभीर रूप से घायल कर गांव के पास सड़क किनारे फेंक दिया था। सरकार ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को दी थी, लेकिन हमलावरों व साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण अमराराम परिवार के साथ धरने पर बैठ गया था।
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