अबोहर (सुधीर अरोड़ा)। बैंक कर्मचारियों द्वारा की जा रही वेतन बढ़ोत्तरी की मांग व सरकार द्वारा मात्र 2 प्रतिशत वेतन बढ़ाने जैसे किए गए मजाक के खिलाफ बुधवार को सभी सरकारी व गैर सरकारी बैंकों ने हड़ताल कर रोष रैली निकाली, जिसमें सभी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा के बाहर प्रदर्शन करते हुए रोषित कर्मचारियों नवनीत कुमार, राजेश कालड़ा, थरेश कुमार व राकेश गुम्बर ने बताया कि यूनाईटिड फोर्म आॅफ बैंक यूनियन के आह्वान पर पिछले साल से बैंक कर्मचारियों द्वारा वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही है।
लेकिन सरकार द्वारा लगातार टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। जिसके चलते सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी बैंक कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष पाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा नवंबर 2017 से उनके वेतन बढोतरी के फैसले को बिना वजह टाला जा रहा है। इतना ही नहीं 5 मई को इंडियन बैकिंग एसोसिएशन के साथ हुई बैठक में सरकार ने केवल 2 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की पेशकश की है, जो कर्मचारियों के साथ सीधे तौर पर मजाक है।
जिसे कर्मचारी किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि जब सरकार द्वारा लागू की जा रही जन-धन योजना, मुद्रा लोन, नोटबंदी, आधार लिंक, मनरेगा पेमेंटस, एलपीजी सब्सिडी, अटल पेंशन योजना आदि सरकारी स्कीमें बैंक के माध्यम से चलती हैं लेकिन बैंक द्वारा नए नियुक्त किए गए कर्मचारियों का वेतन 5 साल में सिर्फ 400 रुपए ही बढ़ाया जा रहा है। इस प्रदर्शन में स्टेट बैंक आफ इंडिया से नवनीत, राजेश कालड़ा व कुलदीप कुमार, पीएनबी से थरेश कुमार, राकेश गुम्बर, दीप चावला व अमरजीत सिंह, सेंट्रल बैंक से मदन लाल छाबड़ा, राहुल बत्तरा।
अमित मक्कड़, पंजाब एंड सिंध बैंक से सुमित सहगल, सुरेन्द्र कुमार, ओबीसी से प्रदीप बुलंदी, कैनरा बैंक से नितिन गुप्ता व केवल सिंह, बैंक आॅफ इंडिया से मयूर गुप्ता व सुनील, यको बैंक से राज गुप्ता तथा इलाहबाद बैंक से मुकेश मल्होत्रा के अलावा स्टेट बैंक आॅफ इंडिया आॅफीसर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश गोदारा, व वाईस प्रेसीडेंट सतपाल सहित सभी सरकारी व अर्द्ध सरकारी बैंकों के कर्मचारी शामिल थे। रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नवनीत व राजेश कालड़ा ने बताया कि 31 मई को बाजार नं. 4 स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समक्ष सुबह 10 बजे शांतिपूर्वक धरना देकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे आगे की रुपेरखा तैयार करेंगे।