सरसा। 19वीं सदी के महान भारतीय विचारक, समाज सेवी, (Jyotiba Phule) लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी कार्यकर्ता ज्योतिराव गोविंदराव फुले की आज जयंती है। उनका जन्म आज ही के दिन 11 अप्रैल 1827 को हुआ था। उन्हें महात्मा फुले और ज्योतिबा फुले के नाम से जाना जाता है।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ‘रूह दी’ Honeypreet Insan ने ज्योतिराव फुले जी की जयंति पर विनम्र श्रद्धाजंलि दी। रूह दी ने ट्वीट कर लिखा कि महान समाज सुधारक ज्योतिराव फुले जी ने जाति व्यवस्था के अन्याय को समाप्त करने, महिलाओं की शिक्षा प्राप्ति के लिए और बाल विवाह को समाप्त करने की दिशा में अथक प्रयास किए व समाज को नई दिशा दी। ज्योतिराव फुले जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।
महान समाज सुधारक ज्योतिराव फुले जी ने जाति व्यवस्था के अन्याय को समाप्त करने, महिलाओं की शिक्षा प्राप्ति के लिए और बाल विवाह को समाप्त करने की दिशा में अथक प्रयास किए व समाज को नई दिशा दी।
ज्योतिराव फुले जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।— Honeypreet Insan (@insan_honey) April 11, 2023
महात्मा फुले से जुड़ी खास बातें
- महात्मा फुले मराठी थे, उन्होंने कुछ समय तक मराठी में अध्ययन किया लेकिन बीच में पढ़ाई छूट गई। बाद में 21 साल की उम्र में अंग्रेजी की 7वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की।
- मराठी समाजसेवी ज्योतिबा फुले ने निचली जातियों के लिए ‘दलित’ शब्द को गढ़ने का काम किया था।
- साल 1873 के सितंबर में उन्होंने ‘सत्य शोधक समाज’ नामक संगठन का गठन किया था।
- वे बाल-विवाह के मुखर विरोधी और विधवा-विवाह के पुरजोर समर्थक थे।
- वे ब्राह्मणवाद के विरोधी थे। उन्होंने ही बिना किसी ब्राम्हण-पुरोहित के विवाह-संस्कार शुरू कराया और बाद में इसे बॉम्बे हाईकोर्ट से मान्यता भी दिलाई।
- उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले भी एक समाजसेविका थीं। उन्हें भारत की पहली महिला अध्यापिका और नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता कहा जाता है।
- अपनी पत्नी के साथ मिल कर उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए साल 1848 में एक स्कूल भी खोला था।
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