बहादुरगढ़ में तहसीलदार रहते हुआ था जमीन का फर्जीवाड़ा
-
झज्जर में हुई गिरफ्तारी तो खुलने लगी परतें
-
एसपी बोले : पूछताछ में अभी ओर हो सकते है अहम खुलासें
झज्जर (सच कहूँ/संजय भाटिया)। बहादुरगढ़ में एक जमीन के फर्जीवाड़े में झज्जर पुलिस के हत्थे चढ़े रोहतक के डीआरओ (Rohtak DRO) कनब लाकड़ा को अदालत ने दो दिनों के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस का दावा है कि रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान इस महत्वपूर्ण मामले से कई अहम खुलासे हो सकते है। यह बात वीरवार को झज्जर लघु सचिवालय में एसपी वसीम अकरम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। हालांकि उन्होंने इस मामले में आरोपी को किसी भी प्रकार का राजनीतिक संरक्षण होने की बात से साफ इन्कार किया।
लेकिन इतना जरूर कहा कि जिस तरह से जमीन के इस फर्जीवाड़े को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया, उससे इसमें किसी बड़ी चैन की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता। कारण कि जमीन का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किया जाना और बाद में सबूत नष्ट करने के लिए लघु सचिवालय के रजिस्ट्री कार्यालय में आग लगाकर रिकार्ड को जला डालना इस बात का परिचायक है कि इस प्रकार के कई मामले ओर भी हो सकते हैं, जिन पर रहस्यमयी पर्दा उठना बाकी है।
बता दें कि बता दें कि गांव खेड़का मुसलमान में करीब 16 कनाल 8 मरले जमीन का अवैध रूप से रजिस्ट्रेशन किया गया था। इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने आरटीआई से इस जमीन की जानकारी मांगी। तो पूरा मामला सामने आया। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस मामला दर्ज करके जांच में जुटी हुई हैं।
घटनाक्रम के मुताबिक शिकायतकर्ता सुरेश ने बताया कि उसकी जमीन के साथ लगती हुई 16 कनाल व 8 मरले भूमि ग्राम पंचायत व कस्टोडियन विभाग की है। जहां पर उनका परिवार पिछले करीब 50 साल से काश्त कर रहा है। मार्च 2021 में उस जमीन को देखने के लिए कुछ लोग आए तो उसे पता चला कि जमीन बेचने की तैयारी चल रही है। जांच की तो पता चला कि सब रजिस्ट्रार बहादुरगढ़ के कार्यालय में 23 मार्च 2001 को इस जमीन का पंजीकरण हो रखा है।
जिसका इंतकाल 20 साल बाद करवाया गया। वहीं इस जमीन की सरकार की तरफ से कोई नीलामी नहीं हुई। जो पंजीकरण बताया जा रहा है, उसका कस्टोडियन विभाग में रिकार्ड तक नहीं हैं। जमीन संबंधित लिखित जानकारी मांगी तो कर्मचारियों ने देने से मना कर दिया। उसने आरोप लगाया कि इस जमीन का फर्जी तरीके से 17 जून 2021 को इंतकाल किया गया है। इसके बाद सुरेश ने आरटीआई से इस जमीन का रिकार्ड मांगा। इसी बीच 27 जून 2021 को एडीसी कार्यालय स्थित तहसीलदार (बिक्री) कार्यालय में आग लग गई।
जिसमें रिकार्ड जलने का बहाना बनाया। जबकि यह रिकार्ड जानबूझकर जलाया गया है, ताकि, इस कस्टोडियन जमीन का रिकार्ड न देना पड़े। हालांकि आरटीआई से मिली जानकारी में बताया कि कस्टोडियन विभाग ने यह जमीन कभी बेची ही नहीं। जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया और वर्तमान में रोहतक के डीआरओ (Rohtak DRO) व बहादुरगढ़ के तत्कालीन तहसीलदार कनब लाकड़ा को गिरफ्तार किया गया।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।