रोहतक में डॉक्टरों ने पेश की इंसानियत, हड़ताल छोड़, 37 घायलों के इलाज को दौड़े
- डीसी यशपाल व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह ने जाना घायलों का हाल
रोहतक। (सच कहूँ/नवीन मलिक) रोहतक में हड़ताल पर बैठे रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के चिकित्सकों ने मानवता का ऐसा परिचय दिया कि हर कोई उन्हें सैल्यूट करने पर मजबूर हो गया। एमबीबीएस स्टूडेंट के समर्थन में हड़ताल पर गए चिकित्सकों ने उस समय अपनी हड़ताल को छोड़कर उपचार आरंभ कर दिया। जब जींद के सड़क हादसे में घायल बच्चे रोहतक पीजीआई पहुंचे। इस दौरान डॉक्टरों ने हड़ताल छोड़ तुरंत अपने कर्तव्य को निभाते हुए घायलों की जान बचाना शुरू कर दिया। बता दें कि जींद में बस व ट्रक की टक्कर में घायल करीब 37 बच्चे रोहतक पीजीआई रैफर किए गए थे, आरडीए ने ओपीडी व आपातकालीन सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया हुआ था। लेकिन जब घायल बच्चों के पीजीआई पहुंचने का पता लगा तो मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने व्यवस्था को देखते हुए आरडीए चिकित्सकों से सहायता मांगी। जिस पर चिकित्सक तुरंत इलाज को तैयार हो गए।
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लगभग सभी बच्चों की हालत ठीक
आरडीए ने फैसला लिया कि उनकी हड़ताल तो जारी रहेगी। लेकिन घायल बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो और समय पर उपचार मिले। इसके लिए उन्होंने हड़ताल पर होते हुए भी घायलों का उपचार आरंभ कर दिया। सभी बच्चों को समय पर उपचार मिल पाया। लगभग सभी बच्चों की हालत ठीक है।
सड़क हादसे में घायल से बातचीत करते हुए डीसी यशपाल
37 घायल आए पीजीआई : प्रो. ईश्वर सिंह
पीजीआई के एमएस प्रो. ईश्वर सिंह ने बताया कि सड़क हादसे में घायल कुल 37 बच्चे यहां पहुंचे हैं। सीनियर व जूनियर चिकित्सकों की मदद से समय पर उपचार किया गया। हड़ताल पर होते हुए भी सभी जूनियर डॉक्टर से मदद मांगी तो वे भी बच्चों को संभालने पहुंचे। उन्होंने कहाकि यदि समय पर बच्चों को इलाज नहीं मिल पाता तो स्थिति गंभीर हो सकती थी, लेकिन मुझे गर्व है कि सभी डॉक्टरों ने हड़ताल से पहले अपने कर्तव्य को निभाया।
डीसी ने घायलों से की बातचीत
डीसी यशपाल व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह ने रोहतक पीजीआई में पहुंचकर घायलों से बातचीत की। साथ ही हादसे के बारे में जानकारी भी जुटाई। वहीं घायलों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जल्द ही सभी ठीक हो जाएंगे। साथ ही पीजीआइ स्टाफ से भी घायलों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और सभी का ठीक से उपचार करने के निर्देश दिए।
हादसे में ये हुए घायल
पीजीआइ के ट्रामा सेंटर पहुंचने वालों में झज्जर जिले के दुल्हेड़ा गांव निवासी अंशु, मानवी, कीर्ति, ललिता, पुलिस लाइन से प्रोमिला, आर्यनगर से आंचल, बहादुरगढ़ से सिमरन, ज्योति, सुशीला, सुनीता, प्रिया व इशिका, जसौर खेड़ी से निकिता, कसार गांव से निधि शामिल हैं। वहीं गुरुग्राम से विक्रम, राजेश, अंकित, राजकुमार, प्रियंका, जतिन, राकी, नेहा, अर्पित, रामकिशन, नितिन, रोहताश व प्रिया शामिल हैं। जींद से कृष्ण, सुरेखा व चरखी दादरी से साहिल शामिल रहे। वहीं घायल बच्चों ने बताया कि जब यह हादसा हुआ उस समय वे सो रहे थे। एक्सीडेंट होने के बाद अचानक व उछल पड़े और उन्हें चोटें आई।
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