ओढां (सच कहूँ/राजू )। कस्बा रोड़ी में 2 समाजसेवी लोगों द्वारा बस स्टैंड के लिए दी गई भूमि पर 4 दशक गुजरने के बाद भी बस स्टैंड नहीं बना है। वहीं इस बारे परिजनों का कहना है कि अगर विभाग यहां पर बस स्टैंड नहीं बनाता तो उन्हें उनकी भूमि वापिस लौटा दी जाए। वे वहां पर बूजुर्गांे के नाम स्मारक बना लेंगे। वहीं इस मामले में क्षेत्र के विधायक शीशपाल केहरवाला ने कहा कि वे इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।
रोड़ी निवासी फूलचंद व दयालचंद जैन के पिता दिवानचंद जैन व उनके पार्टनर गिरधारी लाल गर्ग ने वर्ष 1980 में रोड़ी में बस स्टैंड के निकट सड़क के साथ लगती करीब 2 कैनाल 14 मरले भूमि बस स्टैंड बनाने के लिए दान स्वरूप दी थी। उक्त लोगों ने इस भूमि की रजिस्ट्री भी परिवहन निगम के नाम करवा दी गई। फूलचंद के अनुसार उसके पिता दिवानचंद व उनके बिजनैस पार्टनर गिरधारी लाल अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन बस स्टैंड के लिए दी गई भूमि पर 4 दशक बीत जाने के बाद भी बस स्टैंड बनने का सपना पूरा नहीं हुआ।
चौ. दलवीर सिंह ने रखा था नींव पत्थर
उक्त भूमि दान देने के बाद यहां पर बस स्टैंड का नींव पत्थर कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे चौ. दलवीर सिंह व चौ. जगदीश नेहरा ने संयुक्त रूप से रखा था। जिसके बाद विभाग ने यहां बस क्यू शैल्टर का निर्माण करवा दिया, लेकिन उसके बाद से अभी तक कोई गतिविधि नहीं चलाई गई। ये बस क्यू शैल्टर आज भी ज्यों का त्यों खड़ा बस स्टैंड की बाट जोह रहा है।
मेरे पिता दिवानचंद जैन व उनके पार्टनर गिरधारी लाल ने रोड़ी मे जब अनाज मंंडी बनी थी उस समय भूमि दान में दी थी लेकिन विभाग ने 4 दशक गुजरने के बाद भी बस स्टैंड नहीं बनाया। हम अधिकारियों के अलावा सीएम विंडो पर भी कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर यहां पर बस स्टैंड नहीं बनाना है तो हमारी भूमि वापिस लौटा दी जाए। हम वहां पर अपने बुजुर्गांे के नाम स्मारक बना लेंगे।
-फूलचंद जैन
मेरे पिता गिरधारी लाल गर्ग व उनके पार्टनर दिवानचंद ने लोगों की सुविधाओं के मध्यनजर ये भूमि परिवहन विभाग को दान स्वरूप दी थी। हमनें इसका मालिकाना हक भी विभाग के नाम करवा दिया था। लेकिन अफसोस इस बात का है कि अभी तक हमारे बुजुर्गांे का सपना पूरा नहीं हुआ। ये बस स्टैंड बनता है तो रोड़ी ही नहीं अपितु आस-पड़ोस के दर्जनों गांवों को लाभ प्राप्त होगा। अगर बस स्टैंड नहीं बनाना है तो विभाग हमें हमारी भूमि लौटा दे।
-अशोक गर्ग
मुझे इस बारे पहले कोई जानकारी नहीं थी। अगर भूमि दान में मिलने के 4 दशक बाद भी बस स्टैंड नहीं बना तो ये दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मैं इस मामले में भूमि दान करने वाले लोगों से बातचीत करते हुए भूमि से संबंधित दस्तावेज भी देखूंगा। मैं इस बस स्टैंड को बनवाने के लिए परिवहन मंत्री से मिलने के अलावा इस मुद्दे को मजबूती के साथ सरकार व अधिकारियोें के समक्ष उठाऊंगा।
-शीशपाल केहरवाला, विधायक (कालांवाली हलका)
अनेकोंं बार अधिकारियों से मिल चुकी है पंचायत
रोड़ी के 2 समाजसेवी लोगों ने बस स्टैंड के लिए भूमि दी थी। मेरे कार्यकाल में दिवानचंद व गिरधारी लाल के कहने पर ये भूमि निगम के नाम करवाई गई थी। इस मामले को लेकर पंचायत कई बार तत्कालीन जीएम जोगिन्द्र सिंह सहित अनेकोें अधिकारियों से मिली थे। हमनें वर्ष 2015 में इस मुद्दे को उठाया था जिसके बाद बस अड्डे के लिए भूमि की पेमाईश भी हुई, लेकिन आगे की कार्रवाई अभी तक ठंडे बस्ते में है।
-मुख्तयार कौर, तत्कालीन सरपंच (रोड़ी)
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