मुल्तानिया रोड पर बने ओवरब्रिज की 15 फीट सड़क व फुटपाथ जमीन में धसी
भटिंडा (अशोक वर्मा)। भटिंडा मुल्तानिया रोड पर बना रेलवे ओवरब्रिज दो दिन हुई बारिश की मार न झेलते हुए धस गया, जिस कारण यातायात प्रभावित हुआ। जानकारी अनुसार ओवर ब्रिज पर फूटपाथ व पंद्रह फीट के करीब सड़क का हिस्सा धस गया है।
हालांकि पता चलते ही नायब तहसीलदार भटिंडा लखवीर सिंह मौके पर पहुंचे, जिन्होंने कहा कि प्रशासन ने ओवरब्रिज पर नजर रखी हुई है। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के एक्सीयन व अन्य भी अधिकारी मौके पर पहुंचे और मुरम्मत का काम शुरू करवा दिया, किन्तु पुल पर बनी रुकावट के कारण राहगीरों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है।
वर्णनीय है कि भटिंडा-डबवाली रोड पर रेलवे ओवरब्रिज के चल रहे निर्माण कार्य के कारण बादल व डबवाली की तरफ जाने वाली ट्रैफिक इस पुल से गुजरती होने के कारण यह ओवरब्रिज यातायात से काफी व्यस्त रहता है।
खस्ता हालत रेलिंग और खोखला हो चुका है फुटपाथ
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि फाईलओवर बंद हो जाता है तो शहर में ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ सकती है। पता चला है कि बुधवार व वीरवार को हुई बारिश ने ब्रिज के फुटपाथ की हालत और नाजुक बना दी है। भटिंडा में बना यह सबसे पहला ओवरब्रिज है, जिसका उद्घाटन वर्ष 1993 में उस समय के कांग्रेसी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने किया था।
अधिकारियों का कहना है कि इस बुढे ओवरब्रिज में चूहों ने सेध लगा ली। लोक निर्माण विभाग वर्षों से चूहों का पीछा कर रहा है, किन्तु कोई स्थायी समाधान नहीं हो सका।
ओवरब्रिज के नजदीक ही रेलवे स्टेशन है, यहां के प्लेटफार्मों पर बड़े-बड़े चूहों की भरमार है। इन चूहों ने ओवरब्रिज की दीवारों में अपने टिकाने बना रखे हैं, जिसका सीधा असर फूटपाथ पर पड़ता है। क्षेत्र के लोग दान पुण्य के तौर पर ओवरब्रिज पर दाने वगैरा खिलार देते हैं, जिस कारण चूहों की मौज बनी हुई है।
दीवारों पर बनाया गया है ओवरब्रिज और दीवारों को चूहों ने बना रखा है ठिकाना
जानकारी के अनुसार भटिंडा शहर में मुल्तानिया ओवर ब्रिज सबसे पुराना ओवर ब्रिज है। तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक अब नए ब्रिज तो पिलरों पर बनते हैं, जबकि मुल्तानिया पुल दीवारों पर बना हुआ है। दीवारों के बीच जगह में मिट्टी भरी हुई है। चूहों ने इन दीवारों में खड्ड बना कर मिट्टी बाहर निकाल दी है। इस लिए जब बारिश होती है तो सीधा असर फुटपाथ पर पड़ता है।
ब्रिज की रेलिंग भी कई जगह से खस्ता हालत में है। इस पुल के फुटपाथ व रेलिंग खतरनाक होने के बोर्ड भी लगाए गए थे। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न विभागों ने इस ओवरब्रिज से पाईपें व तारें डालने के लिए फुटपाथ की बार-बार खुदाई तो की, लेकिन सही ढंग से मिट्टी नहीं डाली, जिस कारण फुटपाथ खोखले हो गए हैं।
करीब तीन वर्ष पहले इस ओवरब्रिज का निर्माण करवाया गया था, किन्तु सरकारी फंड न मिलने के कारण इसकी हालत में सही ढंग से सुधार नहीं हो सका। भटिंडा से बादल व भटिंडा से अन्य दर्जनों गांवों को जाने वाले वाहनों के लिए यह ओवरब्रिज वरदान है। किसी मुख्य सड़क पर नहीं होने के कारण सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है।
लोक निर्माण विभाग के पास फंडों का अभाव है और इस ओवरब्रिज के लिए सरकार भी कोई पैसा जारी नहीं कर रही। नगर निगम द्वारा इस ओवरब्रिज की मुरम्मत व संभाल के लिए कोई फंड खर्च नहीं किया जा रहा।
अभी फंड प्राप्त नहीं हुए: एक्सईएन
लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने इस ओवरब्रिज की मुरम्मत का एस्टीमेट बना कर दो वर्ष पहले सरकार को भेज दिया था, किन्तु अभी तक फंड प्राप्त नहीं हुए। कुछ समय पहले एक बार फिर उन्होंने 107 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर भेजा है। जैसे ही फंड प्राप्त हो जाएंगे, ओवरब्रिज की अच्छी तरह मुरम्मत करवा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ओवरब्रिज पूरी तरह सुरक्षित है। रेलिंग व फुटपाथ को अस्थायी तौर पर ठीक करवा रहे हैं।
पुरानों की संभाल करे सरकार: बहल
शहर की संयुक्त एकशन कमेटी के कनवीनर एमएम बहल का कहना है कि जब से भटिंडा बादल सड़क पर नया ब्रिज बना है, उसके बाद सरकार ने इस ब्रिज की मुरम्मत की तरफ ध्यान देना ही छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार नए ओवरब्रिजों के निर्माण के साथ-साथ पुराने ओवरब्रिजों की संभाल भी करे, ताकि लोगों को संभावी हादसों से बचाया जा सके।
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