रसोई गैस की कीमतों में उछाल, जेब का नहीं रखा जा रहा ख्याल
सच कहूँ/जतिन्द्र लक्की, राजपुरा। देश में आम जनता पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है। पैट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ महंगाई की मार (Rising Prices of LPG) झेल रहे आम लोगों को रसोई गैस में बीते दिन 50 रुपये का विस्तार और अब 3.5 रुपए का इजाफा होने से सिलेंडर की कीमत लगभग 1004 रुपए तक पहुँच चुकी है। रसोई गैस के लगातार वृद्धि के चलते गृहणियां नाराज हैं। उनका कहना है कि गैस के लगातार मूल्य बढ़ने के चलते घर का बजट गड़बड़ा गया है।
आम आदमी महँगाई नीचे इस कद्र दबा हुआ है कि वह चाह कर भी महँगाई (Rising Prices of LPG) के साथ लड़ नहीं कर सकता। लगातार बढ़ रही महँगाई और रसोई गैस के मूल्य में मध्यम वर्ग और गरीब लोगों का जीवन जीना कठिन हो गया है। जिसके चलते महिलाओं में सरकार प्रति गुस्सा पाया जा रहा है।
क्या कहना है रसोई गैस के मूल्य के वृद्धि पर महिलाओं और सेंट्रल ह्यूमन राइट्स महिला विंग के अहुदेदारों का सरिता मलिक (राष्ट्रीय इंचार्ज वोमेन विंग) और स्वाती शर्मा (ज्वाइंट सचिव) का कहना है कि दिन -प्रतिदिन रसोई की आम जरूरत की चीजों के अलावा रसोई गैस के मूल्य में विस्तार आमजन पर भारी पड़ रहा है और ऊपर से सरकार ने सब्सिडी भी बंद कर दी है।
उनका कहना है कि गरीब परिवारों सहित जिन महिलाओं के नाम पर रसोई गैस नहीं थी। उनको मुफ़्त में सुविधा तो दे दी गई। परन्तु गैस के मूल्य बढ़ने से वह महिलाएं रिफिल तक नहीं खरीद पर रही। लगातार रसोई गैस की कीमतों में विस्तार होने से महिलाओं ने गैस के चूल्हे के स्थान पर लकड़ी और कोयले के चुल्हे जलाने शुरू कर दिए हैं। खपतकार कह रहे हैं कि पहले आदत डाल दी, अब गैस महँगी कर दी, जिससे हमें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इससे बढ़ती महँगाई (Rising Prices of LPG) ने आम जन आदमी को बेहाल कर दिया है और महिलाओं की रसोई के बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इस लिए सेंटर और प्रांतीय सरकारों को इस पर विचार करने की जरूरत है ताकि जो घर की रसोई पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
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