पटना (सच कहूँ न्यूज)। बिहार की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा और जनता दल के बीच आपस में टकराव की स्थिति बन गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा-जनता दल का गठबंधन कभी भी टूट सकता है। बताया जा रहा है कि एक बार फिर नीतिश कुमार 11 अगस्त को भाजपा से अलग हो सकते है। बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने मंगलवार को अपनी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि सीएम नीतिश कुमार बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को हटाना चाहते हैं। लेकिन भाजपा इस पर राजी नहीं है। उधर नीतिश कुमार अपने मंत्रिमंडल में बीजेपी के मंत्रियों के चयन में दखल चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नीतिश कुमार ने सोनिया गांधी से बात की है।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जदयू के नेता आरसीपी सिंह का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा हुआ था। सिंह का राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने के बाद जदयू कोटा से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल इकलौते चेहरे की पारी समाप्त हो गई थी। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि अब नए सिरे से जदयू की तरफ से कुछ नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं लेकिन अब जदयू ने यह तय किया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसका प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
नीतीश की सहमति के बिना ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे आरसीपी : ललन
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि पार्टी के नेता रहे आरसीपी सिंह बगैर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के ही केंद्र के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। अध्यक्ष सिंह ने को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बगैर ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। कुमार इस बात का यदि खंडन करते तो अच्छा नहीं लगता। लिहाजा वह चुप रह गए लेकिन अब पार्टी ने तय किया है कि वर्ष 2019 के स्टैंड पर कायम रहते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ जाए।
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