पूरे प्रदेश के राइस मिलो में खाली बैठी लेबर, 15 नवंबर को बंद हो चुकी धान की सरकारी खरीद | Kaithal News
- प्रदेश में लगभग 1300 तो कैथल जिले में 150 के करीब राइस मिल करते है सीएमआर का कार्य
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: धान की सरकारी खरीद खत्म हुए भी 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एग्रीमेंट के निर्धारित समय का एक महीना बीतने के बावजूद सीएमआर का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में जिले के राइस मिलरों में रोष है। बता दें कि पूरे प्रदेश में लगभग 1300 और कैथल जिले में 150 से अधिक राइस मिलर सीएमआर का कार्य करते हैं। इस बार सरकार ने एक नवंबर से 15 मार्च तक मीलिंग का कार्य करने के लिए समय तय किया है। परंतु अभी तक प्रदेश सरकार ने एफसीआई को पत्र नहीं लिखा है। Kaithal News
ऐसे में एक माह बीतने के बावजूद सीएमआर का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। कैथल के राइस मिलरों ने दो दिन पहले ही सांसद नवीन जिंदल को ज्ञापन भी दिया था। जिस पर सांसद ने उन्हें जल्द कार्य शुरू करवाने का आश्वासन भी दिया। राइस मिलरो का कहना है कि यदि जल्द ही सीएमआर का काम शुरू नहीं हुआ तो मिलरों को बोनस नहीं मिल पाएगा। क्योंकि सरकार के निर्देशों के तहत मिलरों को 15 मार्च तक सीएमआर का काम पूरा करने के बाद ही बोनस मिल पाता है।
पिछले साल भी देरी से सीएमआर का कार्य हुआ था शुरू | Kaithal News
कैथल राइस मिलर एसोसिएशन के प्रधान तरसेम गोयल ने बताया कि सरकार ने पिछले साल भी देरी से सीएमआर का कार्य शुरू करवाया था। ऐसे में कई राइस मिलरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। क्योंकि यदि सरकार को उसके तय समय के अनुसार चावल की डिलिवरी नहीं दी जाती तो सरकार मिलरों को बोनस नहीं देती है। ऐसे में उन्हें देरी से काम शुरू होने पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
प्रधान ने कहा कि लेबर खाली बैठी है, बिजली का बिल आ रहा है। ऐसे में सब खर्चे मिलाकर देखे तो एक राइस मिलर का एक माह में पांच से सात लाख रुपये का खर्च मिल चलाने पर होता है। यदि मिल चलने के बावजूद चावल निकालने का काम नहीं हुआ तो इसका खामियाजा सीधा राइस मिलरों को उठाना पड़ता है। Kaithal News
इस बार सीएमआर के काम में डेढ़ महीने की हो गई है देरी
कैथल राइस मिलर एसोसिएशन के सचिव सागर ने बताया कि इस बार सरकार की ओर से एफसीआई को अभी तक चावल की डिलीवरी को लेकर पत्र न लिखे जाने की स्थिति में सीएमआर के काम में डेढ़ महीने की देरी हो गई है। सीएमआर का जो काम नवंबर के शुरू होते ही हो जाना चाहिए था, वह दिसंबर शुरू होने के बावजूद नहीं हो पाया है। आगे ठंड में चावल सुख नहीं पाएगा। अप्रैल में फिर गेहूं आने के चलते डिलीवरी रुक जाएगी। अगर यही हाल रहा तो राइस मिलर आगे सीएमआर का काम करना छोड़ जाएंगे। सीएमआर का काम के शुरू होने में लगातार देरी के कारण राइस मिलरों को परेशानी हो रही है।
राइस मिलर की मुख्य मांग
- सीएमआर का कार्य जल्द शुरू किया जाए।
- भुगतान की तिथि आगे बढ़ाई जाए।
- बोनस बढ़ाया जाए।
- एग्रीमेंट में अगर एक नवम्बर से काम शुरू होना लिखा जाए तो उसे नवंबर से ही शुरू करवाए नहीं तो फिर एग्रीमेंट दिसम्बर का करवाया जाए।
सीएमआर के कार्य को लेकर सरकार के आदेशों के तहत जिले के सभी राइस मिलों में फिजिकल वेरिफिकेशन का काम किया जा रहा है। इस फिजिकल वेरिफिकेशन का काम पूरा होते ही सीएमआर का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। इसके लिए लगातार कार्य किया जा रहा है।
– निशांत राठी, डीएफएससी, कैथल।