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चावला अस्पताल के डॉ. बीके चावला को मिली सफलता
हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित चावला अस्पताल के डॉ. बीके चावला ने एक ऐसी महिला के पित्ते की पथरी का सफल आॅपरेशन किया है जिसके दोनों तरफ के आॅर्गन (अंग) उल्टे थे। बावजूद इसके आॅपरेशन करने में सफलता मिली। उल्टे आॅर्गन वाले मरीज का डॉ. चावला का यह पहला आॅपरेशन था। बुधवार को इस संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ. चावला ने बताया कि मूलत: हरियाणा के डबवाली की रहने वाली व हनुमानगढ़ जंक्शन के सुरेशिया में बयाही देवेन्द्र कुमारी के दोनों तरफ के आर्गन उल्टे हैं। हार्ट बाईं की जगह दाईं तरफ है।
लीवर दाईं की जगह बाईं तरफ है। इस तरह का व्यक्ति करोड़ों में एक होता है। इस कारण पित्ते की थैली बाईं तरफ चली गई। दाईं साइड में तिल्ली आ गई। पिछले दिनों दर्द की शिकायत होने पर देवेन्द्र कुमारी ने जांच करवाई तो पित्ते की थैली में पथरी होने की जानकारी मिली। लेकिन दोनों तरफ के आॅर्गन उल्टे होने के कारण आॅपरेशन करना जटिल कार्य था। क्योंकि रूटीन के तहत जो सर्जन बाईं तरफ खड़ा होकर दाईं तरफ का आॅपरेशन करता है उसे देवेन्द्र कुमारी के आॅपरेशन के लिए दाईं तरफ खड़ा होना था। देवेन्द्र कुमारी दो-तीन सर्जनों के पास गई तो उन्होंने आॅपरेशन करने से मना कर दिया।
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सुरेशिया की रहने वाली विवाहिता देवेन्द्र कुमारी के पित्ताशय में थी 13 एमएम की पथरी
डॉ. चावला के अनुसार इस पर देवेन्द्र कुमारी अपने पति के साथ उनके अस्पताल में आई। उनके पास हार्माेनिक स्कल्पर है। इससे ब्लीडिंग बिल्कुल भी नहीं होती। खुद पर विश्वास के कारण उन्होंने देवेन्द्र कुमारी को भर्ती कर लिया और सफलतापूर्वक आपरेशन किया। मरीज को दस दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया। अब वह पूर्णतया स्वस्थ है। डॉ. चावला के अनुसार उनकी मेडिकल जीवन का यह पहला केस था जिसके अंदर दोनों आॅर्गन्स चेंज हैं। वहीं देवेन्द्र कुमारी ने बताया कि उसे दर्द रहता था। डॉ. चावला को दिखाया तो अल्ट्रासाउंड में पित्ताशय में काफी बड़ी पत्थरी होने की जानकारी मिली। पहले 17 एमएम की पथरी थी जो बाद में 13 एमएम हो गई। डॉ. चावला आॅपरेशन की हिदायत दी। कई डॉक्टरों ने मना कर दिया था। उसका सफलतापूर्वक आॅपरेशन हुआ। अब वह बिल्कुल स्वस्थ है।
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