फिरोजाबाद। सुहागनगरी फिरोजाबाद में रविवार को नशे सहित सामाजिक कुरीतियों को उखाड़ फेंकने के लिए एक साथ लाखों लोगों ने अनूठा संकल्प लिया। इसके साथ ही अपने मुर्शिद ए कामिल के प्रति समर्पण, अटूट श्रद्धा और विश्वास का संगम भी देखने को मिला। अवसर था फिरोजाबाद के जनपद मक्खनपुर स्थित नई बस्ती नवादा, पल्लवी कोल्ड मैदान में आयोजित डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गद्दी नशीन पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन महा रहमोकर्म माह के ‘एमएसजी भंडारा’ कार्यक्रम का। जिसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड राज्यों से बड़ी संख्या में पहुंचे डेरा अनुयायियों के समक्ष प्रबंधन द्वारा किए गए सारे प्रबंध छोटे पड़ गए और रूहानी सत्संग कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पूरा पंडाल साध-संगत से खचाखच भर गया । इतना ही नहीं आलम ये था कि सड़कोंं पर डेरा श्रद्धालुओं के वाहनों का काफिला रेंगता नजर आया तथा यह क्रम सत्संग समाप्ति तक अनवरत जारी रहा।
इस कार्यक्रम में पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उत्तर प्रदेश के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से पावन भंडारे पर वर्चुअली रूहानी सत्संग फरमाया। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाई जा रही नशा मुक्त देश अभियान के तहत लोगों को नशा व सामाजिक कुरीतियों से दूर रहने की शपथ दिलाई। वहीं सत्संग कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरु जी के एक मात्र आह्वान पर ना केवल लोगों ने नशा बेचने से तौबा की बल्कि कार्यक्रम में पहुंचे अनेक गणमान्य जनों ने भी पूज्य गुरु जी की नशा मुक्त देश मुहिम में पूरा सहयोग देने का विश्वास दिलाया। इससे पूर्व 11 बजे धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर पावन भंडारा कार्यक्रम की शुरूआत की गई। जिसके पश्चात कविराजों ने अनेक सुंदर भजन वाणी के माध्यम से साध-संगत को झूमने पर मजबूर कर दिया। सत्संग पंडाल में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगाई गई। जिन पर पूज्य गुरु जी के रूहानी वचनों को सुनकर साध-संगत निहाल हुई।
मेरे देश की जवानी गीत पर झूमा हर वर्ग
एमएसजी भंडारे के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा देशभक्ति व नशे के खिलाफ गाया ‘मेरे देश की जवानी गीत’ का जादू भी हर वर्ग पर देखने को मिला तथा बच्चे, बुजुर्ग, युवा व महिलाएं इस गीत पर थिरकती नजर आई। पूज्य गुरु जी के इस गीत का खुमार युवाओं के सिर पर इस कदर चढ़कर बोल रहा है कि गीत के व्यू विवर्सशिप का आंकड़ा रिलीजिंग के चंद दिनों में 10 मिलियन से अधिक हो चुका है। वहीं मुख्य स्टेज के समीप बनाई गई फूलों व रंगों की सुंदर रंगोली ना केवल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। बल्कि समाज को एक सशक्त संदेश भी दे रही थी। रंगोली के माध्यम से जहां नशों पर चोट की गई। वहीं भारतीय संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए जागरूक कर रही थी। इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सबका दिल जीत लिया।
डेरा सच्चा सौदा के नाम दर्ज हैं 76 वर्ल्ड रिकॉर्ड
बता दें कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 28 फरवरी 1960 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को गुरुगद्दी की बख्शिश कर अपना रूप बनाया। पूजनीय सार्इं जी के वचनानुसार शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न राज्यों में सत्संग कर लोगों को राम-नाम से जोड़ा। इस दौरान समाज में व्याप्त पाखंडवाद, जात-पात के भेदभाव को समाप्त कर लोगों को इंसानियत व प्रभु की सच्ची भक्ति का पाठ पढ़ाया। आज पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के मार्गदर्शन में पूरे विश्व में आज 152 मानवता भलाई के काम चलाए जा रहे हैं। साध-संगत द्वारा किए जा रहे पौधारोपण, रक्तदान, शरीरदान, नेत्रदान, फूड बैंक, आशियाना मुहिम सहित अन्य कार्यो में आज डेरा सच्चा सौदा के नाम 76 से अधिक वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है।
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