बच्चों में भी मिली एंटीबॉडी: सर्वे
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कोरोना के खिलाफ वैक्सीन है कारगर
नई दिल्ली (एजेंसी)। देशभर में किए गए सीरोलॉजिकल सर्वे में 67.6 प्रतिशत लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसका मतलब है कि इतने फीसदी लोग पहले संक्रमण के चपेट में आ चुके हैं और इनके शरीर में कोविड-19 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में कराए गए इस सर्वे में 67.7 फीसदी लोग सीरो पॉजिटिव पाए गए हैं। यह सर्वे जून-जुलाई में की गई है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि राष्ट्रीय सीरो सर्वे का चौथा चरण जून-जुलाई में 21 राज्यों के 70 जिÞलों में आयोजित किया गया। इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए स्वास्थ्य कर्मियों में 85 प्रतिशत में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों में 10 प्रतिशत को अब तक टीका नहीं लगा है।
कोरोना के खिलाफ वयस्कों से ज्यादा मजबूत हैं बच्चे, खोले जा सकते हैं स्कूल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक तिहाई जनसंख्या में सार्स-सीओवी-2 एंटीबॉडी नहीं पाई गई, जिसका मतलब है कि करीब 40 करोड़ लोगों को अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है। कोरोना केस को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लोगों से कहा कि सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक समागम से दूर रहें, अनावश्यक यात्रा टालें, और पूरी तरह से टीकाकरण कराने के बाद ही यात्रा करें। आईसीएमआर ने कहा कि बच्चे वायरस के संक्रमण से कहीं बेहतर निपट सकते हैं; प्राथमिक विद्यालयों को पहले खोलने पर विचार करना विवेकपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों का भी एंटीबॉडी एक्सपोजर उतना और वैसा ही है, जैसा वयस्कों में है। उन्होंने कहा कि स्वीडन जैसे कई स्कैंडिनेवियन देशों ने तो कोरोना की किसी भी लहर के दौरान प्राइमरी स्कूलों को बंद ही नहीं किया।
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